रिजर्व बैंक (RBI) देश के सरकारी और निजी बैंकों के बाद अब शहरी सहकारी बैंकों (Urban Co-operative Banks) के नेटवर्क को भी मजबूत बनाने की कोशिश में जुट गया है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि 1,514 शहरी सहकारी बैंकों को मजबूत करने का लक्ष्य रखते हुए रिजर्व बैंक ने चार कदम उठाए हैं जिनमें प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को कर्ज देने का लक्ष्य पूरा करने के लिए दो साल का और समय देना भी शामिल है।
सहकारिता मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि देश में 1,514 शहरी सहकारी बैंकों (UCB) को मजबूत करने के लिए चार महत्वपूर्ण पहल की गई हैं। बयान के मुताबिक, ‘सहकारिता मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के बीच हुई विस्तृत चर्चा के अनुरूप रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों को मजबूत करने के लिए इन महत्वपूर्ण उपायों को अधिसूचित किया है।’’
मंत्रालय ने इन चार उपायों को सूचीबद्ध किया है। इनके मुताबिक, यूसीबी अपने संचालन के अनुमोदित क्षेत्र में रिजर्व बैंक की पूर्व अनुमति के बगैर भी अधिकतम पांच नई शाखाएं खोल सकते हैं। इसके अलावा उन्हें अपनी नीति निदेशक मंडल से अनुमोदित करवानी होगी और वित्तीय रूप से मजबूत और अच्छी तरह से प्रबंधित (एफएसडब्ल्यूएम) मानदंडों का पालन करना होगा।
यूसीबी वाणिज्यिक बैंकों के समान एकमुश्त निपटान भी कर सकते हैं। अब सहकारी बैंक अनुमोदित नीतियों के माध्यम से तकनीकी ‘बट्टा-खाते’ के साथ निपटान की प्रक्रिया भी अपना सकते हैं। रिजर्व बैंक ने यूसीबी के लिए प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) लक्ष्यों को हासिल करने के लिए दो साल की मोहलत दी है। अब 31 मार्च, 2026 तक शहरी सहकारी बैंक इन लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं।