PPF: पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ एक काफी लोकप्रिय छोटी बचत योजना है। इस योजना में निवेश करके आप लंबे समय में एक बड़ा फंड जमा कर सकते हैं। सरकारी योजना के कारण इसमें निवेशकों का डूबने का कोई खतरा नहीं होता है। इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत इस योजना में 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट दी जाती है।
पीपीएफ पर सरकार की ओर से मौजूदा समय में 7.1 प्रतिशत का ब्याज दिया जा रहा है। पीपीएफ की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि टैक्स फ्री हो सकती है। इसकी मैच्योरिटी अवधि 15 वर्ष की होती है। ऐसे में पीपीएफ को मैच्योर होने के बाद रिटर्न को आप कैसे बचा सकते हैं। आइए जानते हैं।
पीपीएफ की अवधि को बढ़ाए
पीपीएफ की मैच्योरिटी अवधि 15 वर्ष की होती है। लेकिन एक बार मैच्योर होने के बाद आप इसकी अवधि 5-5 वर्ष के क्रम में आसानी से बढ़ा सकते हैं। इसका फायदा यह होगा कि आपकी राशि दोबारा से रिइन्वेस्ट हो जाएगी और कंपाउडिंग का फायदा आपको मिलेगा।
डेट फंड
अगर आप कम रिस्क वाले म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो डेट फंड एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। आप ऐसे म्यूचुअल फंड का चयन कर सकते हैं, जहां 65 से 75 प्रतिशत की राशि डेट में निवेश की जाती है और बाकी की इक्विटी में। इससे आपको बाजार का फायदा भी मिलेगा।
अन्य विकल्प
अगर आप ज्यादा रिस्क लेना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड का चुनाव भी कर सकते हैं। इसके अलावा अगर आपका पीपीएक में मैच्योर भी मिलने वाली राशि काफी अधिक है तो आप रियल एस्टेट के विकल्प को भी देख सकते हैं।