छोटे निवेशकों के लिए Post Office में कई तरह की सेविंग स्कीम चलती है। निवेशक अपनी बचत के अनुसार इन सेविंग स्कीम में से अपने लिए सही विकल्प चुनते हैं। अगर आप भी पोस्ट ऑफिस की सेविंग स्कीम में निवेश करते हैं तो आपके लिए एक बड़ी खबर है। दरअसल, केंद्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन के जरिये कहा है कि वह 1 अक्टूबर से राष्ट्रीय बचत योजना (एनएसएस) खातों पर ब्याज देना बंद कर देगी। 1 मार्च 2003 से 30 सितंबर 2024 तक की अवधि के लिए एनएसएस ब्याज दर 7.5% प्रति वर्ष थी। इसमें डिपॉजिटर्स को 30 सितंबर तक अपना पैसा निकालने को कहा गया था
1987 में लॉन्च किया गया था
एनएसएस-87 को 1987 में लॉन्च किया गया था और 1992 में बंद कर दिया गया था। 1992 में एक नई सीरीज, एनएसएस-92 लॉन्च की गई थी, लेकिन 2002 में इसे बंद कर दिया गया। तब से कोई अन्य एनएसएस योजना शुरू नहीं की गई है। एनएसएस-87 एक साल में एक बार निकासी की अनुमति देता है, लेकिन एनएसएस-92 से निकासी की कोई सीमा नहीं है। एनएसएस को राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए, जो कि एक पूरी तरह से अलग स्मॉल सेविंग स्कीम है। एनएससी में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
फाइनेंस मिनिस्ट्री ने जारी किया था नोटिफिकेशन
वित्त मंत्रालय ने 12 जुलाई को स्मॉल सेविंग स्कीम में एक से अधिक खातों के बारे में एक परिपत्र जारी किया था, जिसमें कहा गया कि एनएसएस-87 और एनएसएस-92 के तहत खोले गए सभी खातों पर 1 अक्टूबर 2024 से शून्य प्रतिशत ब्याज मिलेगा। इस संबंध में राजपत्र अधिसूचना 29 अगस्त को जारी की गई थी। मंत्रालय ने कहा, "इन नियमों के तहत राष्ट्रीय बचत योजना के ग्राहकों के खाते में 1 अक्टूबर 2024 को या उसके बाद जमा राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा।" सरकार के इस हालिया बदलावों से उन लोगों पर बोझ पड़ेगा जो इन निवेशों को वित्तीय सुरक्षा के रूप में देखते थे और इसे दीर्घकालिक निवेश के रूप में रखते थे। सरकार ऐसे कोष को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) या भविष्य निधि जैसी वैकल्पिक योजनाओं में स्थानांतरित करने के लिए एकमुश्त लाभ प्रदान करने पर विचार कर सकती है, जो कि वित्त अधिनियम 2016 के तहत कर्मचारी भविष्य निधि से एनपीएस खातों में एकमुश्त कर-मुक्त हस्तांतरण की अनुमति के समान है।"