EPFO अपने सदस्यों को कई तरह के लाभ देता है। उनमें एक है मुफ्त में बीमा की सुविधा। इस योजना को कर्मचारी जमा बीमा या ईडीएलआई कहते हैं। ऐसे में अगर आपका पैसा पीएफ (PF) में कटता है तो आप इस योजना का लाभ लेने के हकदार हैं। हालांकि, बहुत सारे लोग इस लाभ के बारे में नहीं जानते हैं। अगर, आप नौकरी करते हैं तो आपका कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीफओ में पैसा जरूर जमा होता होगा। तो क्या आप जानते हैं कि आपको मुफ्त में 7 लाख रुपये का बीमा मिलता है। अगर नहीं तो हम आपको बता रहे हैं कि कब से यह बीमा का लाभ मिलना शुरू हो जाता है।
इस स्थिति में बीमा का लाभ
ईपीएफओ ईडीएलआई योजना के तहत अपने सदस्यों को एकमुश्त जीवन बीमा का लाभ देता है। इसके तहत ईपीएफओ सदस्य की मौत अगर नुचुरल कारण, बीमारी या दुर्घटना के कारण हो जाती है तो इस योजना के तहत उसके नॉमिनी या परिवार के सदस्य को बीमा राशि दी जाती है। हालांकि, इस योजना का लाभ तभी मिलता है जब तक ईपीएफओ सदस्य नौकरी कर रहा हो। यानी उस समय वह ईपीएफ में योगदान कर रहा हो। इस योजना का फायदा फायदा तभी मिलता है, जब सदस्य ने मौत से पहले 12 महीने के दौरान एक या अलग-अलग कंपनियों में कम से कम 12 महीने लगातार काम किया हो।
बीमा के लिए कोई प्रीमियम का भुगतान नहीं
अगर आप ईपीएफ अंशधारक हैं तो इस बीमा के लिए आपको कोई प्रीमियम नहीं देना होता है। बीमा प्रीमियक की रकम आपके नियोक्ता की ओर से की जाती है। आपका नियोक्ता आपके वेतन के 0.5 फीसदी ईडीएलआई फंड में जमा करता है। मगर यह रकम भी 75 रुपये महीने से ज्यादा नहीं हो सकती। सरकार ने 15 फरवरी 2018 को बीमा योजना के नियमों में बदलाव किया गया था। इसके तहत ईपीएफओ सदस्य की मौत होने पर उसके नॉमिनी को कम से कम 2.5 लाख रुपये के बीमा लाभ का प्रावधान किया गया है। हालांकि, 28 अप्रैल, 2021 से बीमा लाभ को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है। ईपीएफओ सदस्य की मौत जिस महीने हुई है उस महीने से ठीक पिछले 12 महीने का औसत मासिक वेतन लिया जाता है, जो अधिकतम 15,000 रुपये हो सकता है। इसे 30 से गुणा किया जाता है और उसके बाद जो भी राशि आती है, उसमें अधिकतम 1.5 लाख रुपये बोनस के रूप में जोड़ दिए जाते हैं। इस तरह अधिकतम बीमा लाभ 6 लाख रुपये बनता है।