जब बच्चे के भविष्य के लिए निवेश की बात आती है, तो आप ज्यादा सावधानी से फैसला लेते हैं। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए हाल ही में NPS Vatsalya स्कीम को लॉन्च किया गया है। वहीं, म्यूचुअल फंड पहले से चला आ रहा है। अब सवाल उठता है कि इन दोनों निवेश माध्यमों में किसमें निवेश करना ज्यादा फायदेमंद और सही फैसला होगा। फाइनेंशियल एक्सपर्ट के मुताबकि, दोनों निवेश स्कीम एक दूसरे से अलग हैं और निवेश का विकल्प बच्चों के वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम और टैक्स छूट पर निर्भर करेगा। ता है। म्यूचुअल फंड बेहतर रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन एनपीएस वात्सल्य में कम लागत वाली विशेषता है।
क्या है एनपीएस वात्सल्य?
एनपीएस वात्सल्य एक पेंशन योजना है जो बच्चों पर केंद्रित है और इसे उन माता-पिता के लिए डिजाइन किया गया है जो अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हैं। यह पहल माता-पिता को पेंशन खाते में निवेश करने की अनुमति देती है, जिससे दीर्घकालिक धन बनाने के लिए कंपाउंडिंग इंटरेस्ट का फायदा मिलता है। इसमें न्यूनतम योगदान 1,000 रुपये प्रति वर्ष है।
दूसरी ओर, बच्चों के म्यूचुअल फंड लंबी अवधि के लिए धन सृजन के लिए होते हैं। इन योजनाओं में कम से कम पांच साल या बच्चे के वयस्क होने तक, जो भी पहले हो, लॉक-इन अवधि होती है। न्यूनतम निवेश राशि 100 रुपये प्रति माह है।
कौन चुनना ज्यादा सही?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट का कहना है कि एनपीएस इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों में विविधता लाता है, जबकि म्यूचुअल फंड के मामले में निवेशक के पास अपनी जोखिम क्षमता के आधार पर योजनाओं को चुनने का विकल्प होता है- इक्विटी फंड जो उच्च जोखिम देते हैं लेकिन उच्च रिटर्न की संभावना रखते हैं। इसलिए आम तौर पर म्यूचुअल फंड में उच्च रिटर्न देने की क्षमता होती है। लंबी अवधि के लिए एनपीएस और इक्विटी म्यूचुअल फंड दोनों ही वेल्थ क्रिएशन के लिए अच्छे विकल्प हैं। इनमें से किसी एक को चुनना आपके वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम सहन करने की क्षमता, निवेश की अवधि और टैक्स लाभ जैसे कारकों पर निर्भर करेगा।