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रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए NPS या Mutual fund, कौन बेस्ट? पढ़ें अपने सभी सवालों के जवाब

एनपीएस और म्यूचुअल फंड के बीच चुनाव वित्तीय उद्देश्यों को देखते हुए करना चाहिए। एनपीएस वित्तीय सुरक्षा और टैक्स छूट का लाभ देता है। वहीं, म्यूचुअल फंड उच्च जोखिम, लंबी अवधि में बड़ा फंड और बड़े लक्ष्य को पाने में मदद करता है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: May 31, 2024 6:00 IST
Retirement Planning - India TV Paisa
Photo:FILE रिटायरमेंट प्लानिंग

फाइनेंशियल लिटरेसी (वित्तीय साक्षरता) बढ़ने के साथ लोगों में रिटायरमेंट प्लानिंग के प्रति जागरूकता बढ़ी है। इसका असर भी दिखाई देने लगा है। लोग म्यूचुअल फंड, पीपीएफ से लेकर एनपीएस में निवेश कर रहे हैं। अब बड़ा सवाल उठता है कि रिटायरमेंट प्लांनिंग के लिए एनपीएम या म्यूचुअल फंड में कौन बेहतर है? यानी ​इनमें कौन बेहतर रिटर्न देगा? अगर आप भी इन सवालों के जवाब ढूंढ रहे हैं तो हम आपके सभी प्रश्नों के जवाब देने जा रहे हैं।

वित्तीय उद्देश्यों के अनुसार चयन करें 

एनपीएस और म्यूचुअल फंड के बीच चुनाव वित्तीय उद्देश्यों को देखते हुए करना चाहिए। एनपीएस वित्तीय सुरक्षा और टैक्स छूट का लाभ देता है। वहीं, म्यूचुअल फंड उच्च जोखिम, लंबी अवधि में बड़ा फंड और बड़े लक्ष्य को पाने में मदद करता है। एनपीएस, एक सरकारी समर्थित सेवानिवृत्ति बचत योजना है, जिसमें निवेश लक्ष्य या सेवानिवृत्ति की आयु तक पहुंचने तक हर महीने एक निश्चित राशि का निवेश किया जाता है, और सेवानिवृत्ति के बाद, कोष का एक हिस्सा निकाला जा सकता है, जबकि बाकी राशि पीएफआरडीए-पंजीकृत पेंशन फंड मैनेजर के प्रबंधन में रहती है।

एनपीएस बनाम म्यूचुअल फंड

एनपीएस निवेशकों को आयकर अधिनियम की धारा 80सी और 80सीसीडी के अनुसार टैक्स छूट मिलता है। वहीं, ईएलएसएस म्यूचुअल फंड में निवेश पर धारा 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है। इसकी 3 साल की लॉक-इन अवधि होती है। वहीं, एनपीएस में निवेश की गई राशि 60 वर्ष की आयु तक लॉक रहती है। ईएलएसएस फंड के साथ, आपके पास केवल तीन साल की सबसे छोटी लॉक-इन अवधि होती है। नए निवेशकों के लिए ELSS एक आदर्श विकल्प है, क्योंकि कर लाभ के अलावा, उन्हें इक्विटी निवेश और म्यूचुअल फंड का भी अनुभव मिलता है।

एनपीएस में वोलैटिलिटी कम 

एनपीएस की बात करें तो यह अधिक सुरक्षित और कम अस्थिर है क्योंकि वे इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों में अपने फंड का निवेश करते हैं, जबकि इक्विटी म्यूचुअल फंड ज्यादातर फंड केवल इक्विटी यानी शेयर में निवेश करते हैं। इसलिए उतार-चढ़ाव अधिक होता है। अगर आप रिटायरमेंट प्लानिंग कर रहे हैं तो एनपीएस में निवेश करना बेहतर विकल्प होगा। 

टैक्स छूट का लाभ 

एनपीएस निवेशकों को आयकर की धारा 80 CCD(1B) के तहत 50 हजार रुपये की अतिरिक्त टैक्स मिलता है। एनपीएस निवेश पर टैक्स छूट, कैपिटल एप्रिसिएशन पर कर छूट, और पेंशन कॉर्पस के 60% पर कर छूट और वार्षिकी उत्पाद खरीदने पर टैक्स छूट मिलती है। वहीं, केवल इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) म्यूचुअल फंड ही कर छूट का लाभ उठा सकते हैं। एनपीएस योजनाएं आम तौर पर 10-12% रिटर्न देती हैं, जबकि इक्विटी म्यूचुअल फंड लंबी अवधि में 14-16% रिटर्न देते हैं। 

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