कोरोना महामारी के बाद बहुत सारे लोग पैसे की तंगी से जूझ रहे हैं। इसकी वजह है कि आसमान छूती महंगाई ने खर्च का बोझ बढ़ा दिया और आय में उस अनुपात में बढ़ोतरी नहीं हुई है। अगर, आप भी इस संकट से घीरे हुए हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं। आज हम आपको बेस्ट इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो बनाने के टिप्स दे रहे हैं, जो आपको बेहतर टैक्स प्लानिंग के साथ बचत कराने में मदद करेगा। इससे आपको भविष्य में छोटी से बड़ी जरूरतों के लिए पैसे की कभी कमी नहीं होगी।
साइड इनकम के रास्ते ढूंढें
बदलते दौर में आप सिर्फ कमाई के एक माध्यम पर निर्भर नहीं रह सकते हैं। आपको साइड इनकम के रास्ते ढूंढने होंगे। आप अपने फ्री टाइम में रेफरल बिजनेस, ऑनलाइन फ्रीलांसिंग, ऑनलाइन ट्यूटर आदि काम कर साइड इनकम जनरेट कर सकते हैं। यह काम आप नौकरी के साथ भी कर सकते हैं। इससे आपकी कमाई बढ़ेगी और वित्तीय स्थिति मजबूत होगी।
फिजूलखर्ची बिल्कुल रोके
अगर आपकी कमाई बहुत ज्यादा नहीं तो फिजूलखर्ची को बिल्कुल रोक दें। वैसे, इनकम अधिक होने पर फिजूलखर्ची करना सही नहीं माना जाता। यह आपको कमाई के बावजूद भी कर्ज के दलदल में धकेल देता है। फिजूलखर्ची की आदत न सिर्फ आपका महीने भर का बजट बिगाड़ देती है बल्कि आपस में लड़ाई-झगड़े की भी वजह बन जाती है। फिजूलखर्ची रोकने के लिए एक बजट बनायें और उसके हिसाब से ही चलें। सेल, शॉपिंग, डिस्काउंट जैसे मार्केटिंग के फंडे से बचकर रहें। बहुत जरूरी होने पर ही सामान खरीदें।
नकदी का इस्तेमाल बढ़ाएं
आज हर तरफ डिजिटल को बढ़ावा दिया जा रहा है। अगर आप ऐसा करते हैं तो इस आदत में बदलाव लाएं। यह आपको खर्च को कंट्रोल करने में मदद करेगा। अगर आप क्रेडिट कार्ड और डिजिटल ट्रांजेक्शन की मदद से खर्च कर रहे हैं तो बेमतलब खर्च होना लाजिमी है। डिजिटल ट्रांजैक्शन में आप ज्यादा खर्च लेते हैं। वहीं, कैश के साथ ऐसा नहीं कर पाएंगे। आपके पास जितना कैश होगा, आप उतना ही खर्च कर सकेंगे। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल सिर्फ इमरजेंसी के लिए ही करें, इसे अपना पर्स न समझें।
छोटी अवधि का वित्तीय लक्ष्य बनाएं
छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्य आपको बचत करने में मदद करता है। अगर आपकी आय 50 हजार रुपये है तो आप छह महीने बाद किसी काम के लिए एक लाख रुपये जोड़ने का लक्ष्य बनाएं और उसके हिसाब से हर महीने एक रकम बचत करें। वित्तीय लक्ष्य सेट करने से आपमें बचत की आदत डेवलप हो जाएगी।
टैक्स प्लानिंग में देर नहीं करें
फाइनेंशियल ईयर शुरू होने के साथ ही टैक्स प्लानिंग शुरू कर दें। ऐसा कर आप अपनी जरूरत के अनुसार सही इन्वेस्टमेंट प्रोड्क्ट का चुनाव कर पाते हैं। इससे आप टैक्स चुकाने से बच जाता है और अच्छी खासी रकम बचत कर लेते हैं।