नेशनल हेल्थ क्लेम एक्सचेंज (NHCX) के अगले दो-तीन माह में शुरू होने की संभावना है। इससे दावा निपटान प्रक्रिया तेज और पारदर्शी तरीके से हो सकेगी। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। NHCX एक डिजिटल स्वास्थ्य दावा मंच है। इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने स्वास्थ्य बीमा दावों का तेजी से प्रसंस्करण सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया है। यह बीमा दावा प्रक्रियाओं को मानकीकृत करेगा। साथ यह पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। इस पर सभी बीमा कंपनियों समेत अन्य पक्ष होंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) और भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने पिछले साल एनएचसीएक्स को चालू करने के लिए गठजोड़ किया था।
सभी इंश्योरेंस कंपनियां शामिल होंगी
इरडा ने जून, 2023 में एक परिपत्र के माध्यम से सभी बीमाकर्ताओं और सेवा प्रदाताओं को एनएचसीएक्स को शामिल करने की सलाह दी थी। बीमा कंपनियों के पास अलग-अलग पोर्टल हैं, जिससे अस्पतालों, मरीजों और अन्य संबंधित पक्षों के लिए स्वास्थ्य बीमा दावों का निपटान करना बोझिल हो जाता है और इसमें अधिक समय लगता है। सूत्र ने कहा, एनएचसीएक्स तैयार है और अगले दो-तीन महीनों में इसके शुरू होने की संभावना है। दावा मंच को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के हिस्से के तहत विकसित किया गया है।’’ एनएचसीएक्स के जरिये सभी बीमा कंपनियां एक मंच पर होंगी। यह स्वास्थ्य देखभाल और स्वास्थ्य बीमा परिवेश में विभिन्न पक्षों के बीच दावों से संबंधित जानकारी के आदान-प्रदान के लिए एक साझा मंच के रूप में काम करेगा।
इंश्योरेंस सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ेगी
सूत्र ने कहा, ‘‘एनएचसीएक्स के साथ एकीकरण से स्वास्थ्य दावों का निपटान निर्बाध तरीके से संभव होगा। साथ ही बीमा उद्योग में दक्षता और पारदर्शिता बढ़ेगी। इससे पॉलिसीधारकों और मरीजों को लाभ होगा।’’ एनएचए और इरडा एनएचसीएक्स के साथ 40-45 स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के पूर्ण एकीकरण के लिए अस्पतालों और बीमा कंपनियों के साथ बैठकें और कार्यशालाएं आयोजित कर रहे हैं। आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस, स्टार हेल्थ एंड अलायड इंश्योरेंस, बजाज आलियांज इंश्योरेंस कंपनी और एचडीएफसी एर्गो इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस, द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी, टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी, पैरामाउंट टीपीए, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी जैसी बीमा कंपनियों ने एनएचसीएक्स एकीकरण पूरा कर लिया है।
दावे निपटान की लागत अधिक
अधिकारियों ने कहा था कि दावों के आदान-प्रदान की वर्तमान प्रक्रिया में मानकीकरण का अभाव है। इसमें अधिकांश आंकड़ों का अदान-प्रदान पीडीएफ या ‘मैन्युअल’ होता है। बीमाकर्ताओं, टीपीए और सेवा प्रदाताओं के बीच प्रक्रियाएं काफी अलग-अलग होती हैं। इससे प्रत्येक दावे को निपटान करने की लागत अधिक होती है।