अगर आप मकान खरीदने के लिए सोच रहे हैं तो आपको सिर्फ मकान के आकार, कीमत पर ही ध्यान नहीं देना होता,आपको कुछ छोटी बातों पर भी ध्यान देना होता है। मकान एक बड़ा सौदा होता है, ऐसे में आपको हर छोटी बात की जानकारी होनी जरूरी होती है। आमतौर पर जब हम मकान खरीदते हैं तो पूछते हैं कि मकान कितना बड़ा है। मकान के आकार के लिए आपको कारपेट एरिया, बिल्ट-अप एरिया और सुपर बिल्ट-अप एरिया जैसे शब्दों से रूबरू होना पड़ता है।
अधिकतर लोगों की समझ इस संबंध में बहुत कम होती है। यही कारण है कि अक्सर बिल्डर और प्रॉपर्टी डीलर लोगों की इसी नासमझी का फायदा उठाते हैं। मकान की कीमत प्रति स्क्वायर फीट पर तय होती है। यदि घर का आकार कम हो और आपको अधिक बताया जाए तो आपको चूना लगना तय है। इसलिए जरूरी है कि आप प्रापर्टी से जुड़े इन 3 तीनों शब्दों को जरूर गांठ बांध लें। आपको बता दें कि अब सुपर बिल्ट-अप एरिया के आधार पर प्रॉपर्टी बेचना अवैध है। अब केवल कारपेट एरिया को क्षेत्रफल परिभाषित करने के लिए उचित माना जाता है।
इंडिया टीवी आपको बतायगा कि कारपेट, बिल्ट अप और सुपर बिल्ट अप एरिया क्या होते हैं और किस तरह ये एक-दूसरे से अलग होते हैं।
कारपेट एरिया
कारपेट एरिया वास्तव में वह एरिया होता है जिसका आप वास्तव में इस्तेमाल करते हैं। आसान शब्दों में कहें तो कमरे में जितने क्षेत्र में आप कारपेट बिछा सकते हैं, वह कारपेट एरिया होता है। इसे नेट यूजेबल एरिया (NUA) भी कहा जाता है। इसमें आपका लिविंग डायनिंग रूम, बेडरूम, बाथरूम और किचन को शामिल किया जाता है। इसमें दीवारों की मोटाई शामिल नहीं होती है। इसके अलावा आपकी बालकनी और छत को भी शामिल नहीं किया जाता है।
बिल्ट-अप एरिया
बिल्ट अप एरिया आपको आसानी से समझ आए तो जान लीजिए कि आमतौर पर कारपेट एरिया सुपर बिल्ट-अप एरिया का 60-70 फीसदी होता है। कारपेट एरिया से जो चीजें बाह कर दी जाती हैं वे इसमें शामिल होती हैं। यानि इसमें कारपेट एरिया, दीवारों की मोटाई, बालकनी, छत और कॉरिडोर शामिल होता है।
सुपर बिल्ट-अप एरिया
चूंकि आप एक हाउसिंग सोसाइटी में रहते हैं, ऐसे में आप बहुत से कॉमन एरिया को भी इस्तेमाल करते हैं। इसे ही सुपर बिल्ट अप एरिया कहते हैं। इसे बिक्री योग्य क्षेत्र भी कहा जाता है। इसमें आपके बिल्ट-अप एरिया के अलावा लिफ्ट, कॉरिडोर, क्लब हाउस आदि सहित सभी कॉमन एरिया का एक निश्चित अनुपात शामिल किया जाता है।