ITR भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सरकार ने इस साल आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीक 31 जुलाई तय किया है। ऐसे में अब टालमटोल का रवैया अपनाना ठीक नहीं होगा। अगर, आपने अभी तक रिटर्न फाइल नहीं किया है तो जरूी दस्तावेज जुटाना शुरू कर दें। साथ ही जल्द से जल्द रिटर्न भरने की प्रक्रिया पूरी करें। आज हम आपको बता रहे हैं कि आयकर रिटर्न भरने पर क्या 10 फायदे आपको मिलते हैं। साथ ही यह भी बताएंगे कि अगर कर योग्या यानी टैक्सेबल इनकम नहीं तो भी क्यों भरना चाहिए रिटर्न?
1. कैपिटल लॉस की भरपाई: अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं और एक वित्त वर्ष में आपको नुकसान उठाना पड़ा है तो आप रिटर्न भर कर कैपिटल लॉस की भरपाई कर सकते है। आईटीआर भरने का फायदा यह होगा कि आप भविष्य में शेयर से होने वाले लाभ को नुकसान को समायोजित (एडजस्ट) कर पाएंगे। इस तरह आप कर देने से बच जाएंगे।
2. बैंक लोन और क्रेडिट कार्ड लेना आसान: आमतौर पर बैंक होम या कार लोन के लिए 2 से 3 साल का रिटर्न मांगते हैं। सालाना रिटर्न भरने पर लोन मिलने की संभवना बढ़ जाती है। क्रेडिट कार्ड कंपनियां भी आयकर रिटर्न को प्राथमिकता देती हैं।
3. वीजा मिलने में आसानी: विदेश यात्रा के लिए वीजा जरूरी है। विदेशी दूतावास वीजा के लिए आयकर रिटर्न की कॉपी मांगते हैं। अगर आपने आईटीआर भरा है तो वीजा मिलने में आसानी होगी।
4. बड़े कवर के लिए जरूरी: 50 लाख से एक करोड़ तक के टर्म इंश्योरेंस लेने के लिए आयकर रिटर्न की कॉपी कंपनी द्वारा मांगी जाती है। इससे वे सालाना आय सत्यापित करती है।
5. पते का सबूत: आयकर रिटर्न की कॉपी का इस्तेमाल वैध पता प्रमाण के लिए भी होता है। सभी सरकारी विभागों में यह मान्य है। आप आधार या पासपोर्ट के आवेदन में इस अड्रेस प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
6. टीडीएस क्लेम लेने के लिए: अगर आप फ्री लांसिंग या कोई और काम करते हैं और आपकी आय कर योग्य नहीं है। लेकिन फिर भी टीडीएस काटा हुआ है तो रिटर्न भर कर आप रिफंड ले सकते हैं।
7. पैंसों का बड़ा लेन-देन: आयकर रिटर्न आपकी वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाता है। ऐसे में आप प्रॉपर्टी खरीदना या बेचना, बैंक में बड़ी रकम जमा करना, म्यूचुअल फंड में निवेश जैसा बड़ा लेन-देन करते हैं तो भी आयकर विभाग नोटिस नहीं भेजता।
7. बिजनेस में: बिजनेस शुरू करने या सरकारी ठेका लेने के लिए आयकर रिटर्न जरूरी है। सरकारी ठेका लेने के लिए पिछले पांच सालों की रिटर्न देनी होती है। सरकारी विभाग रिटर्न को देखकर वित्तीय स्थिति को पता करता है।
9. जुर्माना देने से राहत : आयकर रिटर्न तय समय सीमा के भीतर फाइल नहीं करने पर विभाग जुर्माना वसूल सकता है। आयकर की धरा 271F के तहत यह जुर्माना लग सकता है। इससे बचने के लिए रिटर्न भरें।
10. ब्याज देने से बचने के लिए: अगर आप पर कर की देनदारी है और आयकर रिटर्न फाइल नहीं किया है तो कर के साथ ब्याज देना पड़ सकता है। धारा 234ए के तहत आने वाला जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
कर योग्य आय नहीं फिर भी भरें रिटर्न
टैक्स एक्सपर्ट के अनुसार, ज्यादातर लोग टैक्स भरने में कतराते हैं, लेकिन वे काफी बड़ी गलती करते हैं। अगर टैक्सेबल इनकम नहीं है तो भी आयकर रिटर्न भरनी चाहिए। इसके नुकसान नहीं, कई फायदे होते हैं। लोन लेने, एड्रेस प्रमाण समेत कई काम में आयकर रिटर्न की कॉपी काम आती है।