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गोल्ड ईटीएफ के प्रति फिर बढ़ा निवेशकों का आकर्षण, सोने के दाम में रिकॉर्ड तेजी ने बदला मूड

गोल्ड ईटीएफ में फोलियो संख्या जून तिमाही में 1.5 लाख बढ़कर 47.52 लाख हो गई, जो एक साल पहले 46.06 लाख थी।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: July 23, 2023 14:01 IST
गोल्ड ईटीएफ- India TV Paisa
Photo:FILE गोल्ड ईटीएफ

गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड कोषों (गोल्ड-ईटीएफ) में अप्रैल-जून की तिमाही में 298 करोड़ रुपये का निवेश आया है। इससे पिछली लगातार तीन तिमाहियों के दौरान गोल्ड ईटीएफ से निकासी देखने को मिली थी। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि निवेशक अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा सुरक्षित निवेश उत्पाद में निवेश करना जारी रखेंगे। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में इस श्रेणी में प्रवाह धीमा हो रहा है। इसका मुख्य कारण निवेशकों का शेयर जैसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले परिसंपत्ति वर्ग की ओर झुकाव हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सोने की कीमतें रिकॉर्ड हाई पर कारोबार कर रही हैं। इससे निवेशकों में एक बार फिर सोने के प्रति दीवानगी बढ़ी है। पिछले कुछ साल में सोने ने अपने शानदार प्रदर्शन से निवेशकों की काफी आकर्षित किया है और फोलियो संख्या में लगातार बढ़ोतरी इसका प्रमाण है।

निवेशक खातों या फोलियो की संख्या में वृद्धि हुई 

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन तिमाही में गोल्ड ईटीएफ का परिसंपत्ति आधार और निवेशक खातों या फोलियो की संख्या में वृद्धि हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष (2023-24) की अप्रैल-जून तिमाही में गोल्ड-ईटीएफ में 298 करोड़ रुपये का निवेश आया है। इससे पहले मार्च तिमाही में गोल्ड ईटीएफ से 1,243 करोड़ रुपये, दिसंबर तिमाही में 320 करोड़ रुपये और सितंबर तिमाही में 165 करोड़ रुपये की निकासी देखने को मिली थी। वहीं जून, 2022 को समाप्त तिमाही में गोल्ड ईटीएफ में 1,438 करोड़ रुपये का निवेश आया था। 

गोल्ड ईटीएफ से निकासी की यह रही वजह 

सैंक्टम वेल्थ के प्रमुख-निवेश उत्पाद आलेख यादव ने कहा, ‘‘पिछली कुछ तिमाहियों में गोल्ड ईटीएफ से निकासी की वजह दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को समाप्त करना और स्थानीय शेयर बाजारों की तुलना में सोने का प्रदर्शन कमजोर रहना है। गोल्ड ईटीएफ में फोलियो संख्या जून तिमाही में 1.5 लाख बढ़कर 47.52 लाख हो गई, जो एक साल पहले 46.06 लाख थी। इससे पता चलता है कि निवेशकों का झुकाव सोने से जुड़े कोषों की ओर बढ़ा है। इसके अलावा जून, 2023 में गोल्ड ईटीएफ के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) 10 प्रतिशत बढ़कर 22,340 करोड़ रुपये हो गईं, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 20,249 करोड़ रुपये थीं। 

परिवारों ने सोने में बचत को प्राथमिकता दी 

कोविड-19 महामारी से अधिक प्रभावित रहे जिलों में परिवारों ने अन्य स्थानों की तुलना में अपनी बचत का ज्यादा हिस्सा सोने में रखा है। भारतीय प्रबंध संस्थान-अहमदाबाद (आईआईएम-ए) के एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी के दौरान कोविड से अधिक प्रभावित रहे जिलों में परिवारों ने अन्य वित्तीय संपत्तियों और नकदी के बजाय सोने में निवेश को प्राथमिकता दी। इस सर्वे में 21 राज्यों के 142 जिलों को शामिल किया गया है। अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया में सोने (आभूषण के रूप में) का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है और एक औसत भारतीय परिवार अपनी कुल बचत का 11 प्रतिशत बहुमूल्य धातु में रखता है। 

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