एक समय था जब शेयर बाजार में सभी लोग नहीं आते थे लेकिन आज समय बदल चुका है। देश के आम निवेशक भी अब शेयर बाजार में पैसा लगा रहे हैं। अगर आप भी शेयर बाजार में ट्रेडिंग या इंवेस्टिंग करते हैं तो आपको डिविडेंड के बारे में भी जरूर मालूम होगा। शेयर बाजार में लिस्ट कंपनियां अपने प्रॉफिट के एक हिस्से को डिविडेंड के रूप में अपने शेयरहोल्डरों के बीच बांटती है। डिविडेंड के मामले में कंपनियां 2 अहम तारीखों के बारे में भी बताती है और वो हैं- रिकॉर्ड डेट (Record Date) और एक्स-डेट (Ex-Date)।
शेयर बाजार में ट्रेडिंग और इंवेस्टिंग करने वाले कई लोगों को रिकॉर्ड डेट और एक्स-डेट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। यहां हम आपको रिकॉर्ड डेट और एक्स-डेट के बारे में आसान भाषा में समझाएंगे।
रिकॉर्ड डेट
कोई भी कंपनी अपने शेयरहोल्डरों को डिविडेंड देने के लिए रिकॉर्ड डेट का भी ऐलान करती है। रिकॉर्ड डेट वो तारीख होती है, जिस दिन कंपनी अपने रिकॉर्ड्स में उन शेयरहोल्डरों के नाम तय करती है, जिन्हें डिविडेंड दिया जाना है। रिकॉर्ड डेट वाले दिन कंपनी के रिकॉर्ड में जिन लोगों के पास शेयर होते हैं, सिर्फ उन्हीं लोगों को ही डिविडेंड का भुगतान किया जाता है। अगर आपको डिविडेंड चाहिए तो आपको रिकॉर्ड डेट से कम से कम एक दिन पहले उस कंपनी के शेयर खरीदने होंगे और रिकॉर्ड डेट तक पोर्टफोलियो में रखना होगा। अगर आप रिकॉर्ड डेट वाले दिन शेयर खरीदते हैं तो आपको डिविडेंड नहीं मिलेगा।
एक्स-डेट
डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट और एक्स-डेट एक ही दिन होता है। अगर किसी कंपनी ने डिविडेंड के लिए 10 सितंबर, 2024 को रिकॉर्ड डेट फिक्स किया है तो एक्स-डेट भी 10 सितंबर, 2024 ही होगा। एक्स-डेट वो तारीख होती है, जिस दिन कंपनी पहले से घोषित किए गए डिविडेंड के बिना ट्रेड करती है। ये वो तारीख होती है, जिस दिन खरीदे गए शेयरों के लिए पहले घोषित किए गए डिविडेंड का भुगतान नहीं किया जाएगा।