इमरजेंसी में पैसे की जरूरत को पूरा करने के लिए हम सभी Personal Loan लेते हैं। पर्सनल लोन बैंक आसानी से दे भी देते हैं। हालांकि, इस पर मोटा ब्याज वसूलते हैं। अगर आपका क्रेडिट स्कोर खराब है तो बैंक काफी ज्यादा ब्याज चार्ज करते हैं। आज इस स्टोरी में हम आपको बताएंगे कि पर्सनल लोन की ब्याज तय करने में क्रेडिट स्कोर का कितना अहम रोल होता है। कैसे आपका बेहतर क्रेडिट स्कोर कम ब्याज पर लोन दिलाने में मददगार होता है। आइए समझते हैं क्रेडिट स्कोर का पूरा गणित।
क्या है क्रेडिट स्कोर?
क्रेडिट स्कोर की गणना आपके क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर की जाती है। क्रेडिट स्कोर अच्छा या खराब, इसके लिए अंकों में स्कोर दिया जाता है। क्रेडिट स्कोर भुगतान इतिहास, क्रेडिट उपयोग, क्रेडिट मिश्रण और क्रेडिट इतिहास पर तय होता है। एक अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्ति को बैंक आसानी से लोन दे देते हैं।
लोन लेने में क्रेडिट स्कोर का रोल
- अच्छा क्रेडिट स्कोर: अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो अधिकांश मामलों में 700 या 750 से ऊपर, तो बैंक आपको एक अच्छा ग्राहक मानता है। वो आसानी से आपको लोन दे देता है।
- खराब क्रेडिट स्कोर: दूसरी ओर, अगर आपका क्रेडिट स्कोर खराब है जो 600 या 620 से कम है, तो बैंक आपको उच्च जोखिम वाली श्रेणी में रख सकता है। बैंक पैसे देने में काफी सर्तक रुख अपनाता है।
पर्सनल लोन की ब्याज पर क्रेडिट स्कोर का प्रभाव
- 1. बैंक द्वारा जोखिम मूल्यांकन: 750 से ऊपर का अच्छा क्रेडिट स्कोर अक्सर यह माना जाता है कि व्यक्ति ने पहले जिम्मेदारी से लोन लिया और चुकाया है। खराब क्रेडिट स्कोर (600 से नीचे) का मतलब है कि व्यक्ति द्वारा लोन चुकाने का इतिहास ठीक नहीं है।
- 2. ब्याज दरों का निर्धारण: आपका क्रेडिट स्कोर सीधे आपको दी जाने वाली ब्याज दरों पर असर डालता है। अच्छा स्कोर आमतौर पर कम ब्याज दर पर आपको लोन दिलाने के लिए पात्र बनाता है।
- 3. 750 से अधिक स्कोर: 750 से अधिक स्कोर के साथ अक्सर बेहतर शर्तें जुड़ी होती हैं, जिसमें पर्सनल लोन दरें कम या लचीली पुनर्भुगतान शर्तें शामिल होती हैं।
- 4. जल्द लोन पास होना: अच्छा क्रेडिट स्कोर न केवल ब्याज दर को प्रभावित करता है, बल्कि ऋण आवेदन प्रक्रिया को भी तेज करता है।
- 5. लोन राशि और रीपेमेंट अवधि: इसके अलावा, अच्छा क्रेडिट स्कोर लोन राशि और रीपेमेंट अवधि में फायदा पहुंचाता है।