Home Loan: त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है। रक्षाबंधन से शुरू होकर त्योहारी सीजन दिवाली तक चलेगा। इसमें बहुत सारे लोग घर के सपने को पूरा करेंगे। आप भी उनमें शामिल होंगे जो घर खरीदने की योजना बना रहे हैं। अगर आप घर खरीदेंगे तो होम लोन जरूर लेंगे। बैंक आपको होम लोन का बीमा कराने को बोलेंगे। बैंक ऐसा किसी अनहोनी की स्थिति में लोन की रकम की सुरक्षा के लिए करते हैं। कर्ज चुकाने के पहले बीमाधारक के साथ कुछ अनहोनी होने की स्थिति में बकाया राशि देने की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की होती है। अब बड़ा सवाल उठता है कि होम लोन का बीमा करना फायदेमंद है या टर्म प्लान खरीदना। आइए, इस अहम सवाल का जवाब हम विशेषज्ञ से लेते हैं।
होम लोन का बीमा खरीदना महंगा
बैंकिंग विशेषज्ञों के अनुसार, टर्म प्लान के मुकाबल होम लोन का बीमा लेना महंगा पड़ता है। ऐसा इसलिए कि जब आप होम लोन लेते हैं बैंक पूरी राशि का बीमा लेने को कहते हैं। इसका प्रीमियम एक बार में ही चुकाना होता है। अगर आप 50 लाख रुपये के होम लोन का बीमा लेते हैं तो प्रीमियम की राशि भी होम लोन में जोड़ ली जाती है। इससे ईएमआई बढ़ जाती है। सिर्फ होम लोन का कवर होने की वजह से कर्ज की राशि घटने के साथ बीमा कवर भी घटता जाता है। इससे दोहरा नुकसान होता है। अगर आप समय से पहले होम लोन चुका देते हैं तो भी ज्यादातर बैंक बीमा पर चुकाई गई राशि वापस नहीं देते।
इस तरह समझें नुकसान का गणित
मान लेते हैं कि अगर आपने 20 साल के लिए 50 लाख का होम लोन लिया और 5 साल यह ईएमआई चुकाने के बाद शेष देनदारी 35 लाख बचती है। इस समय बीमा धारक के साथ दुर्घटना की स्थिति में कंपनी सिर्फ बचे होम लोन का भुगतान करेगी। यानी आपके 50 लाख रुपये के होम लोन प्रोटक्शन प्लान की कवरेज राशि अब घटकर 35 लाख रह जाएगी।
इसलिए टर्म प्लान लेना फायदेमंद
अगर आपकी उम्र 30 से 35 साल के बीच है तो आप बीमा कंपनी से 10 हजार रुपये के सालाना प्रीमियम पर 50 लाख रुपये का टर्म प्लान खरीद सकते हैं। 12 से 20 हजार रुपये के सालाना प्रीमियम पर एक करोड़ रुपये तक का कवर ले सकते हैं। वहीं, 50 लाख रुपये के होम लोन का बीमा लेते हैं तो आपको करीब 60,000 रुपये का प्रीमियम चुकाना होगा। इस पैमाने पर टर्म प्लान बहुत ही सस्ता विकल्प है। इसके साथ ही टर्म प्लान में आपका बीमा कवर पॉलिसी अवधि में नहीं घटता है। वहीं, होम लोन के बीमा में कर्ज की राशि के साथ कवर भी घटता रहता है। टर्म प्लान में बीमाधारक की मृत्यु, बीमारी, रोजगार, होम लोन को भी दायरे में ले सकते हैं जबकि होम लोन के बीमा में यह सुविधा नहीं है।