सरकार ने सहारा ग्रुप सहकारी समितियों में पैसा लगाने वाले छोटे जमाकर्ताओं के लिए वापस की जाने वाली राशि (रिफंड) की लिमिट को 5 गुना बढ़ाकर 10,000 रुपये से 50,000 रुपये कर दिया है। सहकारिता मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बुधवार को ये जानकारी दी। सरकार ने अभी तक सीआरसीएस (सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार)-सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के 4.29 लाख से ज्यादा जमाकर्ताओं को 370 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
अगले 10 दिनों में किया जाएगा 1000 करोड़ रुपये का भुगतान
अधिकारी ने कहा, ‘‘रिफंड राशि की लिमिट 50,000 रुपये तक बढ़ाए जाने के बाद अब अगले 10 दिनों में लगभग 1000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा’’ उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते छोटे जमाकर्ताओं के लिए ‘रिफंड’ राशि की लिमिट 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई थी। सरकार ‘रिफंड’ जारी करने से पहले जमाकर्ताओं के क्लेम की पूरी सावधानी से जांच कर रही है।
जुलाई, 2023 को शुरू किया गया था सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 18 जुलाई, 2023 को सहारा ग्रुप की 4 मल्टी-स्टेट सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं की वैध जमा राशि के रिफंड क्लेम प्रस्तुत करने के लिए सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल शुरू किया गया था। सहारा ग्रुप की इन 4 सहकारी समितियों में सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (लखनऊ), सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी लिमिटेड (भोपाल), हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (कोलकाता) और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (हैदराबाद) हैं।
सेबी-सहारा रिफंड खाते से ट्रांसफर की गई थी 5000
सुप्रीम कोर्ट के 29 मार्च, 2023 के आदेश के तहत 19 मई, 2023 को सेबी-सहारा रिफंड खाते से 5000 करोड़ रुपये की राशि केंद्रीय सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) को ट्रांसफर कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी डिजिटल तरीके से किए जा रहे पैसों के डिस्ट्रीब्यूशन मामले की देख-रेख कर रहे हैं।