स्मॉल सेविंग्स स्कीम यानी छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। त्योहारी सीजन से पहले मोदी सरकार करोड़ों निवेशकों को ब्याज दर मं वृद्धि का तोहफा दे सकती है। आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय द्वारा पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि, सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम्स जैसी छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की तिमाही समीक्षा इसी महीने होनी है। अप्रैल 2020 से पीपीएफ के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में जानकारों का कहना है कि अगामी समीक्षा में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की बहुत ज्यादा संभावना है। ऐसा इसलिए की बैंकों की ओर से एफडी और दूसरी योजनाओं पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई है लेकिन पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज में बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में पीपीएफ और अन्य छोटे बचत खाताधारक ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं।
पीपीएफ में करोड़ों निवेशकों का निवेश
करोड़ों भारतीयों पीपीएफ में निवेश करते हैं। पीपीएफ के महत्व को देखते हुए, सरकार निवेशकों को निर्भरता और सुरक्षा की भावना प्रदान करने के लिए अक्सर इसकी दरों को स्थिर रखती है। हालांकि, इसमें लंबे समय से बदलाव नहीं किया गया है। मौजूदा समय में पीपीएफ निवेशकों को 7.1% की दर से पीपीएफ पर ब्याज मिल रहा है।
रेकरिंग डिपॉजिट पर ब्याज बढ़ी थी
हाल ही में सरकार ने रेकरिंग डिपॉजिट यानी आरडी और पोस्ट ऑफिस एफडी की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी। सरकार ने 30 जून को 1 साल और 2 साल वाली पोस्ट ऑफिस एफडी के लिए दरें .10% बढ़ाकर 6.9% से 7.0% कर दिया था। इसके अलावा पोस्ट ऑफिस की 5 साल वाली रिकरिंग डिपाजिट (RD) के लिए ब्याज दर में .30%) की बढ़ोतरी की थी। इसके बाद आरडी की ब्याज दर बढ़कर 6.5% हो गई थी।