Aadhar PAN Linking NPS Account Ban: केंद्रीय प्रत्यक्ष टैक्स बोर्ड द्वारा स्थायी खाता संख्या (PAN) को आधार से जोड़ने की समय सीमा 30 जून 2023 तक बढ़ा दी गई है। यह बात लगभग लोग जानते हैं, लेकिन कुछ ही लोगों को इसके बारे में जानकारी होगी कि लिंक ना करने से कौन-कौन सी सुविधा नहीं मिल पाएगी। पेंशन नियामक पेंशन कोष रेगुलेटरी एवं विकास प्राधिकरण ने कहा है कि अगर किसी का पैन और आधार समय सीमा से लिंक नहीं होता है तो उसके एनपीएस खाते में लेनदेन प्रतिबंधित हो जाएगा। बता दें कि अगर आप तय सीमा से पहले लिंक नहीं कराते हैं तो उसके बाद लिंक कराने पर 1000 रुपये की पेनल्टी देनी पड़ेगी। इसीलिए, समय रहते सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ उठा लें।
इन सुविधाओं से भी हो जाएंगे वंचित
30 जून तक ऐसा नहीं करने वाले लोगों को कारोबार एवं टैक्स संबंधी गतिविधियों में लाभ नहीं मिल पाएगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरपर्सन नितिन गुप्ता ने बताया था कि अब भी कई करोड़ पैन को आधार से नहीं जोड़ा गया है, लेकिन 30 जून की समयसीमा खत्म होने तक इस काम के भी पूरा हो जाने की उम्मीद है। सरकार ने पैन को आधार से जोड़ना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए 30 जून 2023 की समयसीमा तय करते हुए कहा गया है कि आधार से नहीं जोड़े गए व्यक्तिगत पैन इस तारीख के बाद निष्क्रिय घोषित कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही सरकार ने कहा है कि मौजूदा समय से 30 जून के बीच पैन को आधार से जोड़ने के लिए 1,000 रुपये का शुल्क देना होगा।
लिंक नहीं कराने पर कार्ड हो जाएगा निष्क्रिय
सीबीडीटी प्रमुख ने कहा था कि पैन को आधार से जोड़ने के बारे में कई जागरूकता अभियान चलाए गए हैं और हमने इस समयसीमा को कई बार बढ़ाया है। अगर तय समय तक पैन को आधार नहीं जोड़ा जाता है, तो उस धारक को कर लाभ नहीं मिल पाएगा क्योंकि उसका पैन ही मार्च के बाद वैध नहीं रहेगा। सीबीडीटी पिछले साल जारी एक परिपत्र में यह साफ कर चुका है कि पैन के निष्क्रिय हो जाने के बाद संबंधित व्यक्ति को आयकर अधिनियम के तहत निर्धारित सभी परिणामों का सामना करना होगा। इसमें आयकर रिटर्न न दाखिल कर पाना और लंबित रिटर्न का प्रसंस्करण न हो पाने जैसी स्थितियां शामिल हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पैन को साझा पहचानकर्ता बनाने की बजट घोषणा कारोबारी जगत के लिए फायदेमंद होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ऐलान किया है कि सरकारी एजेंसियों की डिजिटल प्रणालियों में पैन को कारोबारी प्रतिष्ठान अब एक साझा पहचानकर्ता के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे।