देश में जैसे-जैसे वित्तीय सेवाएं डिजिटल हो रही है। उसी तेजी के साथ जालसाजों का फ्रॉड करने का तरीका भी बदल गया है। इसी कड़ी में केवाईसी फ्रॉड जुड़ गया है। केवाईसी अपडेट करने के नाम पर फ्रॉड काफी आम हो गया है। जालसाज केवाईसी अपडेट करने के नाम पर कई तरह से लोगों के साथ फ्रॉड को अंजाम दे रहे हैं। इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि केवाईसी फ्रॉड कितने प्रकार के होते हैं और आप इनसे कैसे बच सकते हैं।
केवाईसी फ्रॉड्स के प्रकार
- फेक री-केवाईसी (Fake re-KYC) फ्रॉड में जालसाज बैंक आधिकारी बनकर लोगों से उनकी केवाईसी की डिलेट यह कहकर मांगते हैं कि ऐसे नहीं करने पर उनका बैंक अकाउंट बंद हो जाएगा।
- फिशिंग (Phishing) में जालसाज सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से ग्राहक के बारे में प्राथमिक जानकारी जुटाता है। इसके बाद बैंक का प्रतिनिधि बनकर लोन या कोई डिस्काउंट ऑफर के माध्यम से लोगों के फंसने की कोशिश करता है। इस दौरान जालसाज ओटीपी भी मांगता है, जिससे फ्रॉड को अंजाम दे सके।
- स्मिशिंग (Smishing) में जालसाज की ओर से एसएमएस और ईमेल के जरिए एक नंबर पर कॉल करके केवाईसी अपडेट कराने को कहा जाता है। इसे स्मिशिंग कहते हैं।
- विशिंग (Vishing) में जालसाज पीड़ित को कॉल के जरिए कोई फेक ऐप डाउनलोड करके उस पर केवाईसी अपडेट करने को कहता है। जैसी ही पीड़ित ये ऐप डाउनलोड कर लेता है और जानकारी भर देता है उसकी सारी जानकारी जालसाल के पास चली जाती है और फ्रॉड को जालसाल अंजाम देता है।
केवाईसी फ्रॉड से बचने के तरीके
- किसी भी प्रकार के केवाईसी फ्रॉड से बचने के लिए आपको कॉल या एसएमएस के जरिए अपनी संवेदनशील जानकारी जैसे ओटीपी, सीवीवी और एटीएम पिन किसी को भी नहीं बताने चाहिए।
- हमने बैंक के नाम से आने वाले एमएमएस को ध्यान पढ़ता चाहिए और पुख्ता कर लें कि वह बैंक द्वारा ही भेजा गया है या नहीं। कई बार जालसाज भी बैंक के नाम से फर्जी एमएमएस भेज देते हैं।
- किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए।
- हमेशा एपल स्टोर या गूगल प्ले स्टोर से ही बैंकों के ऐप्स डाउनलोड करने चाहिए।