भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की ओर से गुरुवार को रेपो रेट में बेशक कोई बदलाव नहीं किया गया। लेकिन बदलते आर्थिक परिदृश्य के कारण एफडी की ब्याज दरों में उछाल जारी रहेगा। इसकी वजह लोन ग्रोथ का उच्च स्तर पर बने रहना है। वहीं, डिपॉजिट ग्रोथ लगातार कम बनी हुई है। ऐसे में बैंक डिपॉजिट को आकर्षित करने के ब्याज दरों में इजाफा करते रहेंगे।
जानकारों का कहना है कि लंबी अवधि की एफडी के मुकाबले छोटी अवधि के फिक्स्ड डिपॉजिट में ज्यादा छाल देखा जा सकता है। हाल के दिनों में कुछ बैंक जैसे एक्सिस बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी बैंक और इंडसइंड बैंक द्वारा 200 से 300 दिनों की एफडी की ब्याज दरों में इजाफा किया गया है।
ऊपर जा सकती है ब्याज
सीएनबीसी टीवी 18 से बातचीत करते हुए एसबीआई के एमडी अश्विनी कुमार तिवारी ने कहा कि डिपॉडिट ग्रोथ तेजी से ऊपर जा रही है। इसकी वजह लोन ग्रोथ का डिपॉजिट ग्रोथ से कई तिमाही से ज्यादा होना है। अधिक लोन ग्रोथ और पैसे का शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड की तरफ जाने के कारण डिपॉजिट रेट्स पर दबाव देखा जा रहा है। हालांकि, यहां मौद्रिक नीति का कार्य उतना नहीं है कि लोन की मांग और लोगों के पास निवेश के क्या विकल्प हैं, लेकिन इस कारण से डिपॉजिट पर ब्याज दरें ऊपर जा सकती है।
कभी भी ब्याज दरों के ऊपर जाने में रेपो रेट में बढ़त के अलावा लोन ग्रोथ का डिपॉजिट ग्रोथ के अनुपात की काफी भूमिका होती है। ऐसे में जब लोन ग्रोथ, डिपॉजिट ग्रोथ से आगे निकल जाती है तो बैंकों को नए डिपॉजिट को आकर्षित करने के लिए जमा पर ब्याज दरों में इजाफा करना पड़ता है।