Highlights
- NTPC के माध्यम से 35,308 पोस्टों और ग्रुप डी के लिए लगभग 1,03,769 पदों के लिए आवेदन
- एनटीपीसी की परीक्षाएं दो स्तर पर यानि सीबीटी 1 और सीबीटी 2 स्तर पर होनी थी
- 2019 और 2020 में परीक्षा हो नहीं पाई। सरकार का तर्क बड़ी संख्या में आवेदकों का आना था
भारत युवाओं का देश है, लेकिन इन युवाओं के बीच बेरोजगारी बड़ी समस्या है। उस पर नौकरियों के मामले में सरकारी लेटलतीफी और गड़बड़ी समस्या को बवाल ही हद तक ला पटकती है। इसी का जीता जागता उदाहरण रेलवे की दो परीक्षाएं हैं, जिन्हें लेकर प्रयागराज से लेकर पटना तक छात्र परेशान भी हैं और हिंसक विरोध कर रहे हैं।
आंदोलनकारी छात्रों ने आज बिहार बंद बुलाया है। बिहार के बाद उत्तर प्रदेश में आंदोलन तेज है। दोनों ही जगह सैकड़ों प्रदर्शनकारियों पर केस दर्ज किया गया है। इस विरोध की जड़ में रेलवे की एनटीपीसी यानि नॉन टेक्क्निकल पॉपुलर कैटेगरी जिसमें टिकट क्लर्क जैसे पद भरे जाते हैं, वहीं ग्रुप डी की परीक्षा जिसमें गैंगमैन और अन्य निम्न पदों पर भर्तियां होती हैं। ये भर्ती 2019 में निकाली गई थी। जिसमें करीब 2.5 करोड़ फॉर्म भरे गए। इसकी परीक्षा 2021 में हुई। 2022 की 15 जनवरी को सिर्फ एनटीपीसी का रिजल्ट आया।
2019 में आई थी वैकेंसी और 2022 में अधूरा रिजल्ट
रेलवे ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एनटीपीसी के माध्यम से 35,308 पोस्टों और ग्रुप डी के लिए लगभग 1,03,769 पदों के लिए आवेदन मंगाया। इस परीक्षा में करीब 2.5 करोड़ छात्रों ने फॉर्म भरा। एनटीपीसी की परीक्षाएं दो स्तर पर यानि सीबीटी 1 और सीबीटी 2 स्तर पर होनी थी। सीबीटी का मतलब कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट है। ग्रुप डी में एक ही परीक्षा होनी थी। लेकिन 2019 और 2020 में परीक्षा हो नहीं पाई। सरकार का तर्क बड़ी संख्या में आवेदकों का आना था। 2021 में परीक्षाएं हुई। लेकिन साल 2022 में CBT-1 (NTPC) का रिज़ल्ट जारी किया गया। ग्रुप डी का नहीं।
क्यों विरोध कर रहे हैं छात्र
छात्रों का गुस्सा परीक्षा के परिणाम में देरी को लेकर है। लेकिन परीक्षा का परिणाम जिस प्रकार घोषित किया गया उसने आग में घी का काम किया। रेलवे के नोटिफ़िकेशन में कहा गया था कि रेलवे बोर्ड CBT-1 (NTPC) में 20 गुना रिज़ल्ट देगा। लेकिन जब रिजल्ट आया तो उसमें एक ही आभ्यर्थी को अलग-अलग पोस्ट के लिए शॉर्टलिस्ट कर दिया गया। छात्रों का कहना है कि इस वजह से कई अभ्यर्थियों को रिजल्ट में जगह नहीं मिली। छात्रों की माँग है कि रेलवे 'वन स्टूडेंट-वन रिज़ल्ट' जारी करे। दरअसल पिछली बार पोस्ट के हिसाब से कट ऑफ़ तो CBT-2 में जारी किया गया था।
किन पदों के लिए हुई परीक्षा
रेलवे ने 2019 में अलग-अलग श्रेणी और रैंकों के लिए 35,281 रिक्तियों पर भर्तियाँ निकली थीं। इस भर्ती में जूनियर क्लर्क, ट्रेन असिस्टेंट, गार्ड, टाइम कीपर, से लेकर स्टेशन मास्टर तक के पद शामिल हैं। कुल रिक्तियों मे से करीब 11 हजार वैकन्सी के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास है। बाकी बची करीब 24 हजार से ज्यादा रिक्तियों पर आवेदन करने के लिए अभ्यर्थी का ग्रैजुएट होना जरूरी है। ये 35 हजार से ज्यादा पोस्ट लेवल 2 से लेवल 6 तक पाँच अलग-अलग पे-ग्रेड में बंटी हुई हैं।
एनटीपीसी के लिए आए 1.5 करोड़ आवेदन
रेलवे के मुताबिक 35,281 भर्तियों के लिए 1.25 करोड़ आवेदन आए। क्योंकि एक ग्रैजुएट अभ्यर्थी लेवल-2 का एग्जाम दे सकता है, इसलिए रेलवे ने सभी पदों के लिए कंप्यूटर पर एक कॉमन एग्जाम लिया। मार्च में भर्तियों की घोषणा की गई थी, इस हिसाब से पहला पेपर सितंबर 2019 में होना था, लेकिन इसकी डेट आगे बढ़ा कर मार्च 2020 कर दी गई।आखिरकार 2020 में अप्रैल से जुलाई के बीच 68 दिनों में 133 शिफ्ट में कंप्यूटर आधारित कॉमन पेपर यानी CBT-1 की परीक्षा आयोजित की गई।
ग्रुप डी के लिए अब दो परीक्षाएं
छात्र पहले से ही एनटीपीसी की परीक्षाओं के लिए तनाव में थे। वहीं 24 जनवरी को रेलवे के एक नोटिफिकेशन ने ग्रुप डी में शामिल छात्रों को भी मुश्किल में डाल दिया। 24 जनवरी को ही रेलवे नए Group D एग्जाम को लेकर एक नोटिस जारी किया। इसमें बताया कि Group D का एग्जाम अब दो चरणों में होगा। यानि चपरासी के एक्जाम के लिए प्री और मेंस। परीक्षाओं के बीच नियम बदलने से विवाद बढ़ गया।
अब रेलवे क्या करेगा
रेलवे ने NTPC CBT-2 और Group D CBT-1 की परीक्षाओं को टाल दिया है। NTPC एग्जाम के रिजल्ट में अनियमितता की जांच के लिए एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया गया। छात्र अपनी शिकायत और सुझाव rrbcommittee@railnet.gov.in पर 16 फरवरी तक भेज सकते हैं। 4 मार्च तक कमेटी अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसके बाद एग्जाम कराने पर फैसला लिया जाएगा।