EPFO: अगर आप किसी संस्थान में नौकरी करते हैं तो आपको पीएफ खाता(PF Account) के बारे में पता होगा। वो संस्थान प्राइवेट(Private) और सरकारी(Government) दोनों तरह के हो सकते हैं। क्योंकि पीएफ अकाउंट (PF Account) में हर सैलरीड व्यक्ति के सैलरी (Salary) का एक हिस्सा जमा हो रहा होता है, जिसे आप रिटायरमेंट के बाद निकाल सकते हैं। इमरजेंसी की स्थिति में यह पहले भी पैसा निकालने की सुविधा देता है।
अगर आप किसी संस्थान में नौकरी करते हैं तो आपको पीएफ खाता(PF Account) के बारे में पता होगा। वो संस्थान प्राइवेट(Private) और सरकारी(Government) दोनों तरह के हो सकते हैं। क्योंकि पीएफ अकाउंट दोनों तरह के संस्थान में बनाए जाते हैं। इस खाते में हर सैलरीड व्यक्ति के सैलरी (Salary) का एक हिस्सा जमा हो रहा होता है, जिसे आप रिटायरमेंट के बाद निकाल सकते हैं। इमरजेंसी की स्थिति में यह पहले भी पैसा निकालने की सुविधा देता है।
कब आपको पैसे निकालने की अनुमति देता है EPFO?
EPFO में जमा हुए पैसे को आप 60 साल की उम्र के बाद निकाल सकते हैं। साथ ही आपको अपने बच्चों की पढ़ाई, घर बनाने या किसी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में भी पैसे निकासी करने की अनुमति है। अगर आप खाता क्रिएट होने के पांच साल के अंदर पैसा निकालते हैं तो आपको 10 फीसदी का टीडीएस भी देना होता है।
इन स्टेप को फॉलो कर निकाल सकते हैं पैसे
- सबसे पहले https://www.epfindia.gov.in/site_en/index.php पर विजिट करें।
- आप Services ऑप्शन को चुनें।
- उसके बाद For Employees ऑप्शन पर क्लिक करके Member UAN/Online Service (OCS/OTCP) को सेलेक्ट करें।
- वहां अपना UAN नंबर और पासवर्ड दर्ज कर लॉगइन करें।
- इसके बाद ड्रॉप डाउन में CLAIM (FORM-31, 19 & 10C) को सेलेक्ट कर लें।
- बैंक डिटेल्स भर कर आगे बढ़े।
- Certificate of Undertaking के ऑप्शन को Accept करें।
- Proceed for Online Claim के ऑप्शन को सेलेक्ट करें।
- I want to Apply के ऑप्शन पर क्लिक कर PF ADVANCE सेलेक्ट कर लें।
- पैसे निकालने के कारण और अमाउंट की जानकारी दें और सबमिट कर दें।
एक बार जब आप उपर बताए गए स्टेप को फॉलो कर देंगे तो आपके पीएफ अमाउंट का रिक्वेस्ट EPFO के पास चला जाएगा और आपके द्वारा दर्ज किए गए अकाउंट में 3 दिन के अंदर पैसे आ जाएंगे।
पीएफ खाता में कितना प्रतिशत आपके सैलरी का जमा होता है
ईपीएफ अधिनियम, 1952 के अनुसार, ईपीएफ योजना (EPFO Scheme) में कर्मचारी और कंपनी हर महीने बराबर राशि का योगदान करते हैं। कर्मचारी अपने ईपीएफ अकाउंट में मूल वेतन + महंगाई भत्ते का 12% जमा करता है। अगर कर्मचारी 20 से कम कर्मचारियों वाली कंपनी/संस्था जुड़ा हुआ है तो उसे 10% का योगदान देना होता है।