Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. फायदे की खबर
  4. Home और Car Loan की EMI में होगी बढ़ोतरी, RBI फिर कर रहा रेपो रेट बढ़ाने की तैयारी

Home और Car Loan की EMI में होगी बढ़ोतरी, RBI फिर कर रहा रेपो रेट बढ़ाने की तैयारी

Home and Car Loan EMI: आम जनता पर एक बार फिर महंगाई की मार पड़ने वाली है। आरबीआई एक बार फिर रेपो रेट में बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रहा है। इससे होम लोन और कार लोन की ईएमआई की राशि बढ़ेगी।

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: February 06, 2023 8:03 IST
RBI Repo Rate- India TV Paisa
Photo:FILE RBI फिर कर रहा रेपो रेट बढ़ाने की तैयारी

RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर आने वाले दिनों में कुछ हद तक उदार रुख अपना सकता है। खुदरा महंगाई में नरमी के संकेत दिखने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा अपनी प्रमुख ब्याज दर में बढ़ोतरी की गति को धीमा करने से ऐसे संकेत मिल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सप्ताह अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में केंद्रीय बैंक रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की मामूली वृद्धि कर सकता है। आरबीआई ने दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख ब्याज दर को 0.35 प्रतिशत बढ़ा दिया था। इससे पहले लगातार तीन बार इसमें 0.5-0.5 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। आरबीआई ने पिछले साल मई से महंगाई को नियंत्रित करने के लिए रेपो दर में कुल 2.25 प्रतिशत की वृद्धि की है। 

2022 में 5 बार हुई है रेपो रेट में बढ़ोतरी

  1. मई - 0.4 %
  2. 8 जून -0.5 %
  3. 5 अगस्त - 0.5 %
  4. 30 सितंबर - 0.5 %
  5. 7 दिसंबर - 0.35 %

आज से शुरु होगी बैठक

आरबीआई की दर निर्धारण करने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) आज से तीन दिन के विचार-विमर्श की शुरुआत करेगी। एमपीसी का निर्णय आठ फरवरी को सुनाया जाएगा। कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक महंगाई  में नरमी आ रही है, हालांकि महंगाई दर अब भी प्रत्येक केंद्रीय बैंक के लक्ष्य से काफी ऊपर है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगले कुछ महीनों में महंगाई  में और नरमी आने की संभावना है। इसके साथ ही 2023 की पहली छमाही तक दर वृद्धि का दौर खत्म हो जाएगा। इसके बाद 2023 के अंत या 2024 की शुरुआत में दरों में कटौती शुरू हो सकती है। 

सरकार ने दी है आरबीआई को जिम्मेदारी

सरकार ने आरबीआई को महंगाई को छह प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के स्तर पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। महंगाई दर जनवरी, 2022 से तीन तिमाहियों तक लगातार छह प्रतिशत से ऊपर बनी रही। इसमें नवंबर और दिसंबर 2022 में कुछ राहत मिली थी। हाउसिंग डॉट कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने एमपीसी से अपनी उम्मीदों पर कहा कि आरबीआई शायद आगामी नीति घोषणा में रेपो दर में मामूली वृद्धि पर कायम रहेगा। उन्होंने कहा कि 2023 में आगे चलकर दरों में बढ़ोतरी का क्रम थम सकता है। मुंबई स्थित सरला अनिल मोदी स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स की निदेशक अमिता वैद्य ने भी कहा कि मौद्रिक नीति समिति अपने सख्त रुख में कुछ ढील दे सकती है। उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य का नकारात्मक रुख अब भी जारी है, लेकिन घरेलू अर्थव्यवस्था में तेजी और जुझारूपन दिखाई दे रहा है। उन्होंने आगामी समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया है। 

RBI is again preparing to increase the repo rate

Image Source : FILE
सरकार ने दी है आरबीआई को जिम्मेदारी

रेपो रेट (Repo Rate)

रेपो रेट को आसान भाषा में ऐसे समझा जा सकता है। बैंक हमें कर्ज देते हैं और उस कर्ज पर हमें ब्याज देना पड़ता है। ठीक वैसे ही बैंकों को भी अपने रोजमर्रा के कामकाज के लिए भारी-भरकम रकम की जरूरत पड़ जाती है और वे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से कर्ज लेते हैं। इस ऋण पर रिजर्व बैंक जिस दर से उनसे ब्याज वसूल करता है, उसे रेपो रेट कहते हैं।

रेपो रेट से आम आदमी पर क्या पड़ता है प्रभाव

जब बैंकों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध होगा यानी रेपो रेट कम होगा तो वो भी अपने ग्राहकों को सस्ता कर्ज दे सकते हैं। और यदि रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाएगा तो बैंकों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा और वे अपने ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा कर देंगे।

रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate)

यह रेपो रेट से उलट होता है। बैंकों के पास जब दिन-भर के कामकाज के बाद बड़ी रकम बची रह जाती है, तो उस रकम को रिजर्व बैंक में रख देते हैं। इस रकम पर आरबीआई उन्हें ब्याज देता है। रिजर्व बैंक इस रकम पर जिस दर से ब्याज देता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं।

रिवर्स रेपो रेट का आम आदमी पर ऐसे पड़ता है प्रभाव

जब भी बाजारों में बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकम उसके पास जमा करा दें। इस तरह बैंकों के कब्जे में बाजार में छोड़ने के लिए कम रकम रह जाएगी।

ये भी पढ़ें: सरकार से टैक्स बचाने की ये है 5 निंजा टेक्निक, पैसा अकाउंट में दिखेगा लेकिन टैक्स देने की नहीं पड़ेगी जरूरत

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। My Profit News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement