Education Loan vs Saving: मिडिल क्लास फैमली के सामने सबसे बड़ी समस्या तब खड़ी हो जाती है जब उसके बच्चे की हायर एजुकेशन की बात आती है, तब माता-पिता अपने सेविंग को खर्च करने या लोन लेकर पढ़ाई कराने के बीच कई बार कंप्यूज हो जाते हैं। आमतौर पर लोग अपने सेविंग खर्च करना अधिक प्रीफर करते हैं, क्योंकि उनका मानना होता है कि लोन पर अधिक खर्च होता है। अगर आप भी इस सवाल की जवाब तलाश रहे हैं तो आज की खबर में इन सभी का जवाब देने की हम कोशिश करेंगे।
ऐसी स्थिति में एजुकेशन लोन लेकर बाहर जाना हमेशा बेहतर होता है क्योंकि ये कम लागत वाले ऋण हैं जो आपको ब्याज कटौती पर असीमित टैक्स लाभ के साथ लगभग 7-12 प्रतिशत का ब्याज देते हैं। इसके अलावा, शैक्षिक खर्चों के लिए व्यक्तिगत धन का उपयोग करने के बजाय, एक ऋणदाता से कम लागत वाले ऋण के लिए आवेदन करना और दूसरी जरूरतों के लिए धन का निवेश करना बेहतर निर्णय माना जाता है। इससे वे बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
सेविंग को दूसरे जगह निवेश कर पाएं मोटा मुनाफा
एजुकेशन पर लोन को लेकर एक निर्धारित ब्याज दर बनाई गई है। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि अगर मेरे पास 30 लाख रुपये हैं, और मैं इसे दूसरे जगह पर निवेश कर 12 प्रतिशत रिटर्न लेने की क्षमता रखता हूं तो फिर इसका इस्तेमाल पढ़ाई के लिए होने वाले खर्च में करने से बेहतर है निवेश करना, और कम ब्याज वसूलने वाले बैंक से एजुकेशन लोन लेकर बच्चे को हायर स्टडी के लिए भेजना बेहतर डिसीजन हो सकता है। सामान्य तौर पर 6.50 से लेकर 8% तक के ब्याज पर अलग-अलग बैंको से लोन मिल जाते हैं।
मुसीबत में काम आ सकती है सेविंग
आप अपने बेटे के हायर स्टडी के लिए किसी दूसरे कंट्री में भेजना चाहते हैं। आपके पास पहले से कुछ सेविंग पड़ी हुई है, जिसे खर्च करने के बाद आपके पास सभी सेविंग खत्म हो जाएगी। ऐसे में आप एजुकेशन लोन ले, क्योंकि अगर आपके पास सेविंग है तो किसी मुसीबत के समय में आपको ये पैसे बड़े भाई की तरह मदद करते दिखाई देंगे। क्योंकि अचानक से जरूरत पड़ने पर कोई बैंक लोन नहीं देती है। वैसी स्थिति में आपके अकाउंट में पड़े पैसे ही काम आते हैं।