निडर निवेशकों के लिए इस दुनिया में अवसरों की भरमार है। भारतीय शेयर बाजार ने पिछले साल निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है। भारत, विश्व की सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था में से एक है, लेकिन, दुनिया भर में ऐसे कई अन्य शेयर बाजार भी हैं जो निवेशकों को मालामाल कर रहे हैं। अब सवाल उठता है कि एक भारतीय निवेशक विदेशी बाजारों में कैसे निवेश कर तेजी से बढ़ने वाले शेयरों से अच्छी कमाई कर सकता है। तो आपको बता दें कि इसके विकल्प बाजार में उपलब्ध है। कई म्यूचुअल फंड कंपनियां सीधे विदेशी बाजारों में निवेश का विकल्प उपलब्ध करा रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड्स
भारत की म्यूचुअल फंड कंपनियां तीन अलग-अलग प्रकार के अंतरराष्ट्रीय फंड्स प्रदान करती हैं। पहले प्रकार के फंड्स वे फंड्स हैं जिनका निवेश सीधे वैश्विक बाजारों में किया जाता है। उसके बाद कुछ फंड्स ऐसे हैं जिन्हें फीडर फंड्स कहा जाता है जिनका निवेश एक मौजूदा वैश्विक फंड में किया जाता है। तीसरे प्रकार के फंड्स ऐसे फंड्स हैं जिनका निवेश अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय फंड्स में किया जाता है। उदाहरण के लिए, कुछ फंड ऐसे होते हैं जिनका निवेश एक विशेष क्षेत्र के आधार पर किया जाता है, उसके बाद कुछ फंड ऐसे भी होते हैं जिनका निवेश विषय-वस्तु जैसे कमोडिटी लिंक्ड फंड्स, गोल्ड बेस्ड फंड्स के आधार पर किया जाता है।
निवेश से पहले देखें फंड का रिकॉर्ड
अगर आप विदेशी बाजारों में पेसा लगाने वाले म्यूचुअल फंड का रिकॉर्ड देखें तो कई फंड्स का रिकॉर्ड बहुत अच्छा है। कुछ गोल्ड और कमोडिटी-लिंक्ड फंड्स से 50 से 70 फीसदी तक रिटर्न मिला है। इसलिए किसी भी विदेशी बाजार में पैसा लगाने वाले फंड में निवेश से पहले उसका 3 से लेकर 5 साल का रिटर्न जरूर चेक करें। यह भी देखें कि वह फंड किस तरह के बाजार और किस तरह के शेयर में निवेश करता है।
टैक्स देनदारी को सही से समझे
अंतरराष्ट्रीय फंड्स का टैक्सेशन अलग-अलग होता है। हाइब्रिड वैश्विक फंड जो घरेलु कंपनियों में अपनी कोष का कम से कम 65 फीसदी निवेश करते हैं और बाकी विदेशी फंडों पर एक नियमित इक्विटी फंड की तरह टैक्स लगता है। जबकि लंबी अवधि लाभ पर एक साल बाद टैक्स नहीं लगता है। इसलिए निवेश से पहले कितना टैक्स देना होगा इसको पता करें।
रिसर्च कराएगी अच्छी इनकम
कुल मिलाकर, भारत-क्रेंद्रित फंड़स के समूह में एक अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड को शामिल करना निवेशों के लिए अच्छा कदम हो सकता है। हालांकि, किसी भी फंड में निवेश करने से पहले रिसर्च जरूर करें। किसी विशेष फंड का चयन करने से पहले पर्याप्त खोजबीन और अलग-अलग फंडों से संबंधित अपने विकल्पों पर सोच-विचार करना न भूलें। इसके साथ ही जोखिम और विविधता को भी समझें ।