Highlights
- सोने के गहने या सिक्के खरीदते वक्त सबसे पहले उसकी शुद्धता का पता लगाना चाहिए
- गोल्ड जूलरी 22 या 18 कैरट के सोने से बनाई जाती है
- अगर आप सोने के सिक्के खरीद रहे हैं तो वह 24 कैरेट का हो सकता है
धनतेरस पर सोने की खरीदारी शुभ मानी जाती है। ऐसे में ज्यादातर लोगों की चाहत इस मौके पर थोड़ा-बहुत सोना खरीदने की जरूर होती है। ज्वैलर्स भी इस मौके पर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए आकर्षक छूट देते हैं। अगर आप इस मौके पर सोने की खरीदारी में अपनी गाढ़ी कमाई लगाना चाहते हैं तो सोने की शुद्धता, हॉलमार्क, कीमत, कैरेट आदि का ख्याल रखें। ऐसा कर आप सही सोने की खरीदारी कर पाएंगे और धोखाधड़ी से बच सकते हैं। आइए जानते हैं कि धनतेरस पर सोने की खरीदारी में किन पांच बातों का ख्याल रखें।
1. शुद्धता का ख्याल रखें
सोने के गहने या सिक्के खरीदते वक्त सबसे पहले उसकी शुद्धता का पता लगाना चाहिए। 24 कैरट गोल्ड सबसे शुद्ध होता है, लेकिन इससे गहने नहीं बनाई जा सकती। गोल्ड जूलरी 22 या 18 कैरट के सोने से बनाई जाती है। यानी 22 कैरट गोल्ड के साथ 2 कैरट कोई और मेटल मिक्स किया जाता है। कई बार ज्वेलर्स सोने के गहने खरीदते वक्त ग्राहकों से 24 कैरेट के भाव वसूलते हैं। आप जो गहने खरीद रहे हैं वह कितने कैरेट का यह पता लगाकर सही कीमत अदा कर सकते हैं। अधिकांश ज्वेलर्स में शुद्धता जांचने के लिए अपने स्टोर में शुद्धता मशीन रखते हैं। आप इसे खरीदने से पहले परीक्षण कर सकते हैं। अगर आप सोने के सिक्के खरीद रहे हैं तो वह 24 कैरेट का हो सकता है।
2. हॉलमार्क लगे गहने ही खरीदें
सोने के गहने की खरीदारी में हमेशा कोशिश करें कि उसपर हॉलमार्क लगा हो। हॉलमार्क लगा हुआ गहना का मतलब है कि उसकी शुद्धता प्रमाणित है। बीआईएस हॉलमार्क सोने के साथ चांदी की शुद्धता को प्रमाणित करने की एक प्रणाली है। बीआईएस चिह्न प्रमाणित करता है कि गहना भारतीय मानक ब्यूरो के स्टैंडर्ड पर खरा उतरता है। अगर कोई जौहरी आपको बिना हॉलमार्क के गहने दे रहा है तो आप लेने से माना कर सकते हैं। अगर हॉलमार्क को लेकर संदेह हो तो आप इसे हॉलमार्किंग सेंटर में जाकर जांच कर सकते हैं। देशभर में करीब 750 हॉलमार्किंग सेंटर हैं।
3. शुद्धता प्रमाण पत्र लेना न भूलें
सोने के गहने खरीदते वक्त आप दुकानदार से उसका शुद्धता प्रमाण पत्र लेना नहीं भूलें। इससे बाद में आपको परेशानी का सामना नहीं करना होगा। जब आप दुकानदार से शुद्धता प्रमाण पत्र लें तो उसमें गहने कितने कैरेट में बने हैं, वजन कितना है आदि को जरूर चेक कर लें। इससे बाद में अगर कोई शिकायत आती है तो दुकानदार आपकी बात आसानी से सुनेगा।
4. जेम स्टोन की शुद्धता भी जांचें
अगर आप डायमंड, रूबी या किसी और जेम स्टोन (कीमती पत्थर) वाले सोने के गहने खरीद रहे हैं, तो उनकी शुद्धता भी जरूर जांचे। जब आप इन स्टोन के लिए भी पूरे पैसे चुकाते हैं, तो गोल्ड के साथ जेम स्टोन की क्वॉलिटी का भी ध्यान रखना चाहिए।
5. मेकिंग चार्ज में मोलभाव करें
सोने के गहने में लेबर कॉस्ट (श्रम लागत) शामिल होती है। सोने के गहने पर मेकिंग चार्ज 10 से 15 फीसदी के बीच होता है। इसकी सबसे खास वजह है कि हर गहनों की बनावट और कटिंग और फिनिशिंग अलग-अलग होती है। इसके अनुसार जौहरी मेकिंग चार्ज वसूलते हैं। अगर आप सोने की खरीदारी कर रहे हैं तो मेकिंग चार्ज को लेकर दुकानदार से तोलमोल करें। कई ज्वेलर्स ग्राहकों के मोलभाव करने पर मेकिंग चार्ज कम कर देते हैं। इस तरह आप अच्छी खासी बचत कर सकते हैं।
कैसे पहचानें हॉलमार्क
- बीआईएस का लोगो
- सोने की शुद्धता बताने वाला नंबर।
- हॉलमार्किंग करने वाली एजेंसी का लोगो
- जूलर का लोगो
- हॉलमार्किंग किए जाने का साल।