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Bank FD की तुलना में यहां मिल रहा बंपर रिटर्न, छोटे निवेशक के अमीर बनने के रास्ते पर सरकार का ग्रीन सिग्नल

Bank FD Return: सरकार की कोशिश जनता के हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाने की होती है। केंद्र सरकार हमेशा अपने इस प्रयास को जनता के आखिरी हिस्से तक पहुंचाने का काम करती है। छोटे निवेशक को कम पैसे लगाकर अच्छा रिटर्न देने के लिए सरकार कुछ स्कीम लाई है। आइए जानते हैं।

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: April 10, 2023 7:51 IST
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Photo:FILE बैंक FD की तुलना में यहां मिल रहा बंपर रिटर्न

Invest Small Scheme: छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में लगातार तीन बार बढ़ोतरी होने से डाकघर की फिक्स्ड डिपॉजिट एक बार फिर बैंक एफडी के मुकाबले में अधिक मजबूत हो गई हैं। छोटी बचत योजनाओं के तहत डाकघर में दो साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर 6.9 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है जो अधिकांश बैंकों की तरफ से समान मैच्योरिटी अवधि वाली जमाओं पर दी जाने वाली दर के बराबर है। रिजर्व बैंक ने मई 2022 में रेपो दर में वृद्धि का सिलसिला शुरू किया था और तब से यह चार प्रतिशत से बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो चुकी है। इसका असर यह हुआ कि पिछले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बैंकों ने अधिक पैसा जुटाने के लिए खुदरा जमाओं पर ज्यादा ब्याज देना शुरू कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि मई 2022 से फरवरी 2023 के दौरान बैंकों की नई जमाओं पर भारित औसत घरेलू फिक्स्ड डिपॉजिट दर (डब्ल्यूएडीटीडीआर) 2.22 प्रतिशत तक बढ़ गई। वहीं वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में बैंकों का जोर थोक जमाओं पर अधिक था, लेकिन दूसरी छमाही में उनकी प्राथमिकता बदली और खुदरा जमा जुटाने पर उन्होंने अधिक ध्यान दिया। ब्याज दरों में बढ़ोतरी करना इसी का हिस्सा रहा। 

छोटी बचत योजनाओं पर सरकार लेती है निर्णय

सरकार ने छोटी बचत योजनाओं (एसएसआई) के लिए ब्याज दरें अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए 0.1-0.3 प्रतिशत, जनवरी-मार्च तिमाही के लिए 0.2-1.1 प्रतिशत और अप्रैल-जून 2023 तिमाही के लिए 0.1-0.7 प्रतिशत तक बढ़ा दी थी। इसके पहले छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें लगातार नौ तिमाहियों से अपरिवर्तित बनी हुई थीं। वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही से 2022-23 की दूसरी तिमाही तक इनमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। बता दें कि छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों का निर्णय सरकार करती है। इसका निर्धारण तुलनीय मैच्योरिटी वाली सरकारी प्रतिभूतियों पर मिलने वाले प्रतिफल से जुड़ा होता है। रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट दरें अब डाकघर फिक्स्ड डिपॉजिट दरों की तुलना में प्रतिस्पर्धी रूप से निर्धारित हैं। रिजर्व बैंक के मुताबिक, एक से दो साल की मैच्योरिटी वाली बैंक खुदरा जमा पर डब्ल्यूएडीटीडीआर फरवरी 2023 में 6.9 प्रतिशत हो गया जबकि सितंबर 2022 में यह 5.8 प्रतिशत और मार्च 2022 में 5.2 प्रतिशत था। छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर लगातार तीन बार बढ़ने के बाद द्विवर्षीय डाकघर फिक्स्ड डिपॉजिट पर अब 6.9 प्रतिशत का रिटर्न मिल रहा है। यह दर सितंबर, 2022 में 5.5 प्रतिशत थी। 

SBI दे रहा 6.8 प्रतिशत का ब्याज

देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई एक साल से अधिक और दो साल से कम की जमा पर 6.8 प्रतिशत ब्याज दे रहा है। वहीं दो साल से अधिक और तीन साल से कम की जमा पर एसबीआई की ब्याज दर सात प्रतिशत है। बैंकों ने मई, 2022-मार्च, 2023 के दौरान नीतिगत रेपो दर में हुई वृद्धि के अनुरूप अपनी बाहरी बेंचमार्क-आधारित ऋण दरों (ईबीएलआर) में 2.50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है। इस दौरान ऋण मूल्य निर्धारण के आंतरिक मानक एमसीएलआर में 1.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। 

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