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Budget 2023: सेक्शन 80C के तहत निवेश की छूट सीमा में बड़े बदलाव की संभावना, जानिए सुझाव में क्या कहा गया?

अगले साल फरवरी में पेश होने वाले बजट-23 को लेकर अभी से ही बैठक शुरू हो गई है। अलग-अलग डिपार्टमेंट के तरफ से बजट में होने वाले बदलाव को लेकर सुझाव दिए जा रहे हैं। इसी बीच एक मांग 80C के तहत मिलने वाली छूट लिमिट को लेकर भी की गई है। आइए पूरी खबर पढ़ते हैं।

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: December 11, 2022 14:05 IST
सेक्शन 80C के तहत निवेश की छूट सीमा में हो सकता बदलाव- India TV Paisa
Photo:INDIA TV सेक्शन 80C के तहत निवेश की छूट सीमा में हो सकता बदलाव

ICAI ने बजट 2023 में सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) में योगदान की वार्षिक सीमा को मौजूदा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का भी सुझाव दिया है। बता दें, पीपीएफ का उपयोग नौकरी करने वालों द्वारा बचत के साधन के रूप में किया जाता है, जो उनके वेतन का 12 प्रतिशत (नियोक्ताओं से समान योगदान के साथ) हिस्सा का सेविंग करता है। 1,50,000 रुपये की वर्तमान सीमा कई वर्षों से नहीं बढ़ाई गई है और इस पर पुनर्विचार की आवश्यकता है।

लंबे समय से हो रही है बढ़ाने की मांग

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने अपने प्री-बजट मेमोरेंडम 2023 में सुझाव दिया है कि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80सी के तहत कटौती की सीमा को बजट 2023 में मौजूदा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये किया जाना चाहिए। आईसीएआई ने कहा कि धारा 80 सी की कटौती सीमा में बढ़ोतरी "जनता को बड़े पैमाने पर बचत के अवसर प्रदान करेगी"। धारा 80सी की सीमा बढ़ाने की उद्योग जगत की लंबे समय से मांग रही है। पिछली बार इसे वित्त वर्ष 2014-15 में 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया गया था। ध्यान दें कि धारा 80सी के तहत कटौती केवल उन लोगों के लिए उपलब्ध है जो आयकर रिटर्न दाखिल करते समय पुरानी टैक्स व्यवस्था का विकल्प चुनते हैं।

धारा 80डी के तहत पूर्ण कटौती का सुझाव

धारा 80डी के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए पूर्ण कटौती का सुझाव दिया गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए कटौती, किए गए चिकित्सा खर्चों के लिए एक अलग कटौती उपलब्ध कराई जानी चाहिए। इसमें कहा गया है कि इस तरह की अलग कटौती का औचित्य सामाजिक सुरक्षा कवर की कमी को पूरा करना है। आईसीएआई ने वित्त मंत्रालय से कुछ पुरानी बीमारियों के इलाज पर होने वाले खर्च के लिए धारा 80डीडीबी के तहत कटौती की सीमा बढ़ाने को कहा है।

धारा 80सीसीसी में परिवर्तन 

धारा 80सीसीसी के अनुसार, यदि निर्धारित पेंशन फंड में कोई योगदान दिया जाता है और उस धारा के तहत कटौती का दावा किया जाता है, तो निर्धारित योजना से सभी निकासी (मूल राशि सहित) टैक्स के अधीन होगी। इसलिए सुझाव है कि इस धारा को इस हिसाब से संशोधित किया जाए कि योजना से निकासी के समय केवल दावा की गई कटौती की राशि को आय में जोड़ा जाए, न कि पूरी मैच्योरिटी इनकम को। 

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