FD कराने वाले निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। आज यानी 1 जनवरी से एफडी कराने के 3 महीने के अंदर प्रीमेच्योर विड्रॉल पर पेनल्टी नहीं देना होगा। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) और गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) के लिए नया नियम लागू किया गया है। इसके तहत निवेशकों की हितों की रक्षा के लिए कई नियम में बदलाव किया है। इसमें नॉमिनी बनाने से लेकर एफडी की पीमेच्योर विड्रॉल के नियम शामिल हैं। आइए जानते हैं कि आरबीआई के नए नियम से आपको कैसे फायदा मिलेगा।
जानें क्या कहता है कि RBI का नया नियम?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, आम लोगों के पास एफडी कराने के 3 महीने के भीतर पैसा निकालने की आजादी होगी। निर्देश के अनुसार, जमाकर्ता बिना किसी ब्याज के जमा करने के 3 महीने के भीतर छोटी जमाराशियों (10,000 रुपये तक) की पूरी राशि निकाल सकते हैं। बड़ी जमाराशियों के लिए, मूल राशि का 50% या 5 लाख रुपये (जो भी कम हो) तक की आंशिक निकासी तीन महीने के भीतर बिना ब्याज के की जा सकती है। गंभीर बीमारी के मामलों में, जमाकर्ताओं को जमा अवधि की परवाह किए बिना, बिना ब्याज के पूरी मूल राशि समय से पहले निकालने की अनुमति है। इसके अलावा, गैर-बैंक वित्तीय कंपनियों (NBFC) को मैच्योरिटी पूरा होने से कम से कम दो सप्ताह पहले जमाकर्ताओं को जानकारी देना आवश्यक होगा।
ये भी बदलाव आज से लागू हुए
नॉमिनी अपडेट: NBFC को निर्देश दिया गया है कि वह भरे गए नॉमिनी न फॉर्म की प्राप्ति, नॉमिनी को रद्द करने या उसमें बदलाव करने की जानकारी देने के लिए एक प्रणाली बनाएं। सभी ग्राहकों को यह एक्नॉलेजमेंट देना जरूरी होगा, चाहे अनुरोध किया गया हो या नहीं।
पासबुक में नॉमिनी का उल्लेख: एनबीएफसी को पासबुक या रसीदों पर नॉमिनी का विवरण दर्ज करने पर विचार करना चाहिए। इसमें ग्राहक की सहमति से प्रविष्टि पर "नॉमिनी पंजीकृत" और नॉमिनी व्यक्ति का नाम लिखना शामिल होना चाहिए।
विड्रॉल: आरबीआई के निर्देश के अनुसार, सार्वजनिक जमा रखने वाले व्यक्तिगत जमाकर्ताओं को जमा की तारीख से तीन महीने के भीतर समयपूर्व निकासी का अनुरोध करने की अनुमति है। ऐसे मामलों में, मूल राशि का अधिकतम 50% या 5 लाख रुपये (जो भी कम हो) बिना किसी ब्याज के निकाला जा सकता है। शेष राशि पर ब्याज मिलता रहेगा।