Highlights
- Fraud रोकने के लिए दुनिया भर के बैंको द्वारा एक योजना बनाई जा रही
- डिजिटल दुनिया में धोखाधड़ी की जोखिम काफी बढ़ गई है
- फिशिंग, विंशिंग, स्मिशिंग, स्किमिंग और कार्डिंग के जरिए होती है धोखाधड़ी
Banking Fraud: देश और दुनिया में हर रोज बैंक से जुड़ी फ्रॉड (Fraud) की घटनाएं सामने आती रहती है। हर रोज कोई नया ग्राहक इसका शिकार हो जाता है। करोड़ो रुपये का ट्रांजैक्शन (Transaction) एक झटके में आपकी एक छोटी सी गलती के चलते किसी दूसरे के अकाउंट में चला जाता है। आपका पैसा आपसे कब दूर चला जाता इसकी भनक तक नहीं लग पाती है। बैंक हमेंशा ग्राहकों को जरूरी दस्तावेज, पिन और ओटीपी नंबर किसी भी व्यक्ति को नहीं बताने का सलाह देता है, लेकिन उसके बावजूद भी लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं। इसे रोकने के लिए दुनिया भर के बैंको द्वारा एक योजना बनाई जा रही है, जिसमें 31 बिलियन डॉलर की राशि खर्च होने की उम्मीद है।
कैसे लगेगी धोखाधड़ी पर रोक?
धोखाधड़ी को कम करने के लिए 2025 तक दुनिया भर के बैंकों द्वारा नए सिरे से काम करने की योजना बनाई जा रही है। इससे मौजूदा सिस्टम में एम्बेडेड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मजबूत बन सकेगा। आईडीसी फाइनेंशियल इनसाइट्स के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट माइकल अरनेटा ने कहा है कि डिजिटल प्रोडक्ट्स और सर्विस को नए चैनल के भुगतान के साथ आने की प्रक्रिया में सुधार को ध्यान में रखते हुए काम करना चाहिए।
अरनेटा ने समय के साथ अपडेट होने की सलाह देते हुए कहा कि जो पहले अच्छी तरह से काम करता था, वह अब व्यापार को नए सिरे से डिजिटल दुनिया के मुताबिक बदले, क्योंकि इस डिजिटल दुनिया में धोखाधड़ी की जोखिम काफी बढ़ गई है। इसलिए अगर आप बदलाव नहीं करते हैं तो आप सुरक्षा का वादा नहीं कर सकते।
फिशिंग, विंशिंग, स्मिशिंग, स्किमिंग और कार्डिंग के जरिए होती है धोखाधड़ी
1. फिशिंग- यह सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाला ऑनलाइन फ्रॉड है। इसमें आपके मेल इनबॉक्स में आपकी बैंक से एक मेल आता है। ऐसा ई-मेल जो देखने में ऑथेंटिक लगता है और आपसे आपकी निजी जानकारी की मांग करते है। जैसे कि आपके बैंक एकाउंट का पासवर्ड। ध्यान रखें कि बैंक कभी भी आपकी निजी जानकारी मेल से नहीं मांगते। खासतौर पर अपना पासवर्ड या एटीएम पिन कभी भी मेल पर शेयर न करें।
2. विंशिंग– यह फ्रॉड फिशिंग जैसा ही है। लेकिन ऐसा फ्रॉड ईमेल के माध्यम से नहीं बल्कि आपको फोन के माध्यम से किया जाता है। इसमें आपके पास आए कॉल में दूसरा व्यक्ति खुद को आपके बैंक या क्रेडिट कार्ड का एक्जिक्यूटिव या मैनेजर बताता है। आपको लुभावने ऑफर्स देगा या फिर आपको अपनी निजी जानकारी वैरीफाई करने को कहेगा। ध्यान रखें कि कई निजी जानकारियां तब तक न दें, जब तक आपने ही किसी क्रेडिट कार्ड या सुविधा के लिए एप्लाई न किया हो। ट्रूकॉलर एप आपकी इसमें मददगार हो सकती है, इसमें आपको पता चल जाता है कि यह कॉल दूसरे लोगों तक भी पहुंची है, और ज्यादातर लोगों ने इसे रिजेक्ट या ब्लॉक श्रेणी में रखा हे।
3. स्मिशिंग– ये फ्रॉड भी विशिंग जैसे ही होते हैं। लेकिन इस फ्रॉड में आपको एसएमएस भेजे जाते हैं। इसमें मेसेज भेजने वाला खुद को बैंक का कार्यकारी बताता है और आपको लुभावने ऑफर्स देता है या फिर आपको अपनी निजी जानकारी एसएमएस के जरिए वैरीफाई करने को कहता है। भूलकर भी ऐसे मैसेज का जवाब न दें। क्योंकि आपके द्वारा दी गई जानकारी आपके ही खिलाफ यूज की जा सकती है।
4. स्किमिंग– यह फ्रॉड क्रेडिट या डेबिट कार्ड से जुड़ा है। इसके तहत जब भी आप अपना क्रेडिट या डेबिट कार्ड काउंटर पर स्वाइप करते है उस वक्त कई जगहों पर कार्ड की डिटेल्स को कॉपी कर लिया जाता है। क्रेडिट या डेबिट कार्ड में लगी मेगनेटिक स्ट्रिप में सारी जानकारी सेव्ड होती है। इस जानकारी को दूसरे ब्लैंक कार्ड पर कॉपी कर लिया जाता है और फिर ट्रांजेक्शन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
5. कार्डिंग– ये फ्रॉड भी क्रेडिट या डेबिट कार्ड से जुड़े हैं। इसके तहत आपके चारी किए गए कार्ड का उपयोग होता है। इस तरह के फ्रॉड में चोरी किए गए क्रेडिट या डेबिट कार्ड की प्रमाणिकता को जांचा जाता है। इससे पहले छोटी खरीदारी की जाती है। अगर सफल हुए तो फिर आगे चल कर बड़ी चीजों की खरीदारी के लिए इस्तेमाल किया जाता है।