म्यूचुअल फंड आपको करोड़पति बनाने की ताकत रखता है। देश की दूसरी सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल की वैल्यू डिस्कवरी फंड ने 20 साल पहले निवेश किए गए 10 लाख रुपये को 4.50 करोड़ रुपये बना दिया है। यानी चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) रिटर्न 21 फीसदी से ज्यादा रहा है। जबकि इसी अवधि में निफ्टी में यही रकम केवल 2 करोड़ रुपये हुई है। यानी निफ्टी से दोगुना का ज्यादा फायदा इस फंड ने दिया है। निफ्टी का सीएजीआर 16 फीसदी रहा है। इस फंड में अगर एसआईपी के निवेश को देखें तो इसने भी कमाल का फायदा दिया है। फंड की शुरुआत से एसआईपी के माध्यम से 10,000 रुपये का मासिक निवेश 31 जुलाई तक 2.30 करोड़ रुपये हो गया है। जबकि वास्तविक निवेश केवल 24 लाख रुपये रहा है। यानी 19.41% का सीएजीआर रिटर्न मिला है। निफ्टी 50 टीआरआई में समान निवेश से केवल 14.21% का सीएजीआर फायदा मिला है।
एयूएम 48,806 करोड़ रुपये
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड देश में सबसे बड़ा वैल्यू फंड है। इसका एसेट मैनेजमेंट यानी एयूएम 48,806 करोड़ रुपये है। यानी म्यूचुअल फंड की वैल्यू कैटेगरी में कुल एयूएम का अकेले करीब 26 फीसदी एसेट्स इसके पास ही है। एक साल में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू ने 10 हजार रुपये को 14,312 रुपये बना दिया है। यानी करीब 43 फीसदी का रिटर्न दिया है। तीन साल में इसका रिटर्न सीएजीआर 27.28 फीसदी रहा है। 10 हजार का निवेश 20,645 रुपये हो गया है जो दोगुना से भी ज्यादा है। पांच साल में यही रकम 32 हजार से ज्यादा हो गई है जो 26 फीसदी सीएजीआर का रिटर्न दिखाता है। 20 साल में यही रकम 4.50 लाख रुपये से ज्यादा हो गई है।
वैल्यू निवेश के लिए धैर्य जरूरी
20 साल पूरे होने के अवसर पर आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के एमडी और सीईओ निमेश शाह कहते हैं, “यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि वैल्यू निवेश के लिए धैर्य की जरूरत होती है, क्योंकि पूरा लाभ प्राप्त होने में समय लग सकता है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड की यात्रा ने दिखाया है कि वैल्यू निवेश दृष्टिकोण भारतीय बाजार में भी प्रभावी है। हमें इस पर गर्व है कि इस स्कीम ने धैर्यवान निवेशकों को लंबे समय में धन हासिल करने में लगातार मदद की है। पिछले दो दशकों में, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड के प्रदर्शन ने प्रदर्शित किया है कि वैल्यू निवेश वास्तव में भारत जैसे विकास बाजार में काम कर सकता है। जबकि खराब प्रदर्शन वाले चरण जैसे कि मई 2006 से फरवरी 2009 के बीच और फिर 2016 से 2018 तक दीर्घकालिक परिणाम वैल्यू निवेश की स्थायी ताकत को दिखाते हैं। हमें विश्वास है कि रुक-रुक कर आने वाले खराब चरणों के बावजूद वैल्यू निवेश की लंबी संभावनाएं मजबूत हैं।