जिंदगी में अचानक कब पैसे की जरूरत आ जाए किसी को नहीं पता है। जब इमरजेंसी में बहुत सारे पैसे की जरूरत होती है तो पर्सनल लोन सबसे बेहतर विकल्प होता हे। ऐसा इसलिए कि यह अनसिक्योर्ड लोन होने के कारण बैंक इस पर मोटा ब्याज वसूलते हैं। हालांकि, झट से लोन दे देते हैं। आपको बता दें कि पर्सनल लोन पर कई बैंक 24% तक सालाना ब्याज वसूलते हैं। अब सवाल उठता है कि पर्सनल लोन लेते वक्त फ्लैट इंटरेस्ट रेट का चयन करना फायदे का सौदा होगा या रिड्यूसिंग इंटरेस्ट रेट पर लोन लेना। आइए जानते हैं कि इन दोनों में कौन सा है फायदे का सौदा।
फ्लैट इंटरेस्ट रेट लेना घाटे का सौदा
बैंकिंग एक्सपर्ट का कहना है कि पर्सनल लोन हमेशा फ्लैट इंटरेस्ट रेट के बदले रिड्यूसिंग इंटरेस्ट रेट पर लें। रिड्यूसिंग इंटरेस्ट रेट पर पर्सनल लोन लेने से आपको कम ब्याज चुकाना होगा। इसको उदाहरण से समझते हैं। अगर आप किसी बैंक से 5 लाख रुपये का पर्सनल लोन 3 साल के लिए 12% के फ्लैट इंटरेस्ट रेट पर ले रहें हैं तो आपको कुछ 1,80,000 रुपये का ब्याज चुकाना होगा। यानी आपकी मासिक ईएमआई 18,889 रुपये होगी।
रिड्यूसिंग इंटरेस्ट रेट है फायदे का सौदा
वहीं, अगर आप 5 लाख रुपये का लोन 122% के रिड्यूसिंग इंटरेस्ट रेट पर लेंगे तो आपको ब्याज के तौर पर 97,858 रुपये चुकाने होंगे। इस तरह आपको 82,142 रुपये की बचत होगी। रिड्यूसिंग इंटरेस्ट रेट पर होम लोन लेने से आपकी ईएमआई प्रति माह 16,607 रुपये आएगी।
इस तरह पा सकते हैं सस्ता पर्सनल लोन
- अपना क्रेडिट स्कोर 750 या इससे अधिक बनाए। बैंक सस्ता पर्सनल लोन दे देंगे।
- पर्सनल लोन लेने में सैलरी अकाउंट का इस्तेमाल करें। बैंक सैलरीड एम्पलाई को कम ब्याज पर पर्सनल लोन देते हैं।
- पर्सनल लोन पर वसूली जा रही ब्याज की तुलना करें। जो बैंक कम ब्याज पर लोन दे, उसी से लोन लें।