देश के लोगों से लेकर सरकार तक इस समय महंगाई की आंच में तप रही है। इस जिद्दी महंगाई को काबू में लाने के लिए आरबीआई (RBI) रेपा रेट बढ़ा रहा है, लेकिन रिजर्व बैंक की महंगाई के खिलाफ यह मुहिम खुद आम आदमी पर भारी पड़ती दिख रही है। इस साल मई के बाद से रिजर्व बैंक रेपो दरों में 6 बार बढ़ोत्तरी कर चुका है। 2020 से 4 फीसदी पर टिकी रेपो दर में मई के बाद से 2.5 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो चुकी है। रिजर्व बैंक के ताजा फैसले के बाद ब्याज दरों में .25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर दी जाएगी।
जाहिर है कि रेपो दर बढ़ने से आपका होम और कार लोन महंगा हो जाएगा। इतना ही नहीं, एजुकेशन लोन (education loan), पर्सनल लोन (personal loan) और बिजनस लोन (business loan) के अलावा सरकार को भी बाजार से कर्ज लेना भी महंगा हो जाएगा। इस बीच आपको भी सोशल मीडिया पर लोन का टेन्योर बढ़ाने की सलाह दी जा रही है। इससे आपके लोन की ईएमआई स्थिर रहती है। क्या ये तरीका आपके लिए फायदेमंद है या फिर नुकसानदेह, आईए कुछ बिंदुओं में समझते हैं इसका पूरा गणित
कितनी बढ़ गई रेपो रेट
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की कि RBI ने रेपो दर को 25 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.5% कर दिया है। बता दें, इससे पहले हुई सभी 5 बैठकों में रेटो रेट में बढ़ोतरी की गई थी। मई 2021 में रिजर्व बैंक ने रेपो दरों में 0.4 % की बढ़ोत्तरी की थी, वहीं 8 जून को 0.5 %, 5 अगस्त को 0.5 %, 30 सितंबर को 0.5 % और 7 दिसंबर को ब्याज दरें 0.35 % बढ़ाई गई थी।
अब कितनी हो जाएगी आपकी ईएमआई
अगर आपने 20 साल की अवधि के लिए 8.25 फीसदी सालाना दर पर 25 लाख रुपये का होम लोन लिया है और ब्याज 8.50 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है, तो आपकी ईएमआई 394 रुपये बढ़कर 21,302 रुपये से 21,696 रुपये हो जाएगी। 50 लाख रुपये की ईएमआई 788 रुपये बढ़कर 42,603 रुपये से बढ़कर 43,391 रुपये हो जाएगी।
क्या करें, टेन्योर बढ़ाएं या किस्त
व्यक्ति होम या कार लोन तभी लेता है जब उसके पास पर्याप्त पैसा नहीं होता है। हालांकि लोन के टेन्योर के लिए आप अपनी रिटायरमेंट की आयु को भी जरूर कैल्कुलेट करें। यदि आप ईएमआई को काबू में करने के लिए टेन्योर बढ़ाते हैं तो आपको लोन पर ज्यादा ब्याज चुकाना होगा। आपके पास एक विकल्प एक मुश्त राशि के भुगतान का भी होता है। बीच बीच में आप एक मोटी रकम अदा कर अपना प्रिंसिपल अमाउंट घटा सकता हैं जिससे आपकी होम लोन ईएमआई भी घट जाएगी। वहीं विशेषज्ञ भी यही मानते हैं कि यदि आपको लोन की बढ़ी किस्त चुकाने में कोई परेशानी नहीं है तो आपको टेन्योर आगे बढ़ाने से बचना चाहिए।
जितना लंबा टेन्योर उतना ज्यादा असर
बता दें कि होम लोन की ईएमआई लोन के टेन्योर पर निर्भर करती है। टेन्योर लंबा करने से आपकी ईएमआई तो घट जाती है, लेकिन आपको कर्ज के बदले ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है। मौजूदा बढ़ोत्तरी की बात करें तो 20 साल तक के लोन टेन्योर पर किस्त में बढ़ोत्तरी लगभग 17 प्रतिशत होगी। वहीं यदि लोन की अवधि बढ़ाकर 20 से 30 साल कर दी जाती है तो ईएमआई में बढ़ोत्तरी करीब 23 प्रतिशत की होगी। वहीं लोन की अवधि 10 साल हो तो ईएमआई में बढ़ोत्तरी करीब साढ़े 10 प्रतिशत के आसपास होगी।