Friday, November 22, 2024
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EPFO को लेकर बहुत बड़ा कन्फ्यूजन खत्म, सरकार ने बताया कंपनी और कर्मचारी में से कौन चुकाएगा ऊंची पेंशन का पैसा

श्रम मंत्रालय ने जारी बयान में कहा, ‘‘भविष्य निधि में नियोक्ताओं के कुल 12 प्रतिशत योगदान में से ही 1.16 प्रतिशत अतिरिक्त अंशदान लेने का फैसला किया गया है।’’

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: May 04, 2023 13:29 IST
EPFO- India TV Paisa
Photo:FILE EPFO

देश में नौकरीपेशा लोगों के बीच बीते लंबे समय से ईपीएफओ (EPFO) के ऊंची पेंशन को लेकर काफी कन्फ्यूजन जारी है। इस बीच सरकार की ओर से इस पूरे मामले से असमंजस दूर करने की कोशिश की गई है। श्रम मंत्रालय के अनुसार ऊंची पेंशन (Higher Pension) का विकल्प चुनने वाले अंशधारकों के मूल वेतन के 1.16 प्रतिशत के अतिरिक्त योगदान का प्रबंधन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में नियोक्ताओं के योगदान से किया जाएगा। 

श्रम मंत्रालय ने दिया ये बयान 

श्रम मंत्रालय ने जारी बयान में कहा, ‘‘भविष्य निधि में नियोक्ताओं के कुल 12 प्रतिशत योगदान में से ही 1.16 प्रतिशत अतिरिक्त अंशदान लेने का फैसला किया गया है।’’ मंत्रालय ने कहा कि ईपीएफ और एमपी अधिनियम की भावना के साथ-साथ संहिता (सामाजिक सुरक्षा पर संहिता) कर्मचारियों से पेंशन कोष में योगदान की परिकल्पना नहीं करती है। 

क्या होगी नई व्यवस्था 

वर्तमान में सरकार कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में योगदान के लिए सब्सिडी के रूप में 15,000 रुपये तक के मूल वेतन का 1.16 प्रतिशत भुगतान करती है। EPFO द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में नियोक्ता मूल वेतन का 12 प्रतिशत योगदान करते हैं। नियोक्ताओं के 12 प्रतिशत के योगदान में से 8.33 प्रतिशत ईपीएस में जाता है और शेष 3.67 प्रतिशत कर्मचारी भविष्य निधि में जमा किया जाता है। अब वे सभी ईपीएफओ सदस्य जो उच्च पेंशन प्राप्त करने के लिए 15,000 रुपये प्रति माह की सीमा से अधिक अपने वास्तविक मूल वेतन पर योगदान करने का विकल्प चुन रहे हैं, उन्हें ईपीएस के लिए इस अतिरिक्त 1.16 प्रतिशत का योगदान नहीं करना होगा। 

जून तक बढ़ी है डेडलाइन 

श्रम और रोजगार मंत्रालय ने उपरोक्त (निर्णय) को लागू करते हुए तीन मई, 2023 को दो अधिसूचनाएं जारी की हैं। मंत्रालय ने कहा है कि अधिसूचना जारी किए जाने के साथ ही उच्चतम न्यायालय के चार नवंबर, 2022 के फैसले के सभी निर्देशों का अनुपालन पूरा कर लिया गया है।

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