हमारा देश तेजी से डिजिटल हो रहा है। आज के समय में हम अपने ज्यादातर जरूरी काम घर बैठे ही किसी भी वक्त पूरा कर सकते हैं। बैंक, बुकिंग से जुड़े जरूरी कामों के लिए अब हमें दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते। डिजिटल इंडिया मुहिम ने खासतौर पर बैंकिंग सेक्टर को तो पूरी तरह से बदल दिया है। ऑनलाइन मनी ट्रांसफर हो या नया अकाउंट खुलवाना हो, अब बैंक से जुड़े कई काम हम किसी भी वक्त, किसी भी जगह पूरा कर सकते हैं।
डिजिटल हो रहे भारत में फ्रॉड भी हो रहे डिजिटल
लेकिन तेजी से डिजिटल हो रहे भारत में, स्कैम और फ्रॉड भी डिजिटल हो गए हैं। साइबर फ्रॉड में शामिल लोग हर बार नए-नए तरीकों से सीधे-सादे लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं और उनकी खून-पसीने की कमाई को पलक झपकते उड़ा दे रहे हैं। साइबर फ्रॉड अब सिर्फ आम लोगों के लिए ही नहीं बल्कि सरकार के लिए भी बड़ा सिरदर्द बनता जा रहा है। राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक और बैंक से लेकर भारतीय रिजर्व बैंक तक, सभी लोगों को साइबर फ्रॉड के प्रति जागरूकता फैला रहे हैं।
सभी वर्गों के लोग हो रहे हैं साइबर फ्रॉड के शिकार
साइबर फ्रॉड के मामलों को देखकर ये तो साफ हो गया है कि इसके जाल में सिर्फ छोटे शहरों में रहने वाले कम पढ़े-लिखे लोग ही नहीं बल्कि दिल्ली-मुंबई में रहने वाले पढ़े-लिखे प्रोफेशनल्स भी बुरी तरह से फंस रहे हैं। लोगों को साइबर फ्रॉड से सुरक्षा देने के लिए भारत सरकार का गृह मंत्रालय एक हेल्पलाइन नंबर ऑपरेट करता है। साइबर क्राइस से जुड़े मामलों को 1930 पर दर्ज कराया जा सकता है। इसके अलावा आप cybercrime.gov.in पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
फोन में तुरंत सेव कर लें नंबर
मौजूदा समय को देखते हुए 1930, एक बेहद महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर है, जिसकी हम में से किसी भी व्यक्ति को, किसी भी वक्त जरूरत पड़ सकती है। इस बात का खास ध्यान रखें कि आप जितनी जल्दी अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे, फ्रॉड किए गए पैसों की रिकवरी के चांस उतने ज्यादा होते हैं।