बड़ा फंड जमा करने में काफी सयम लगता है। क्या आपने कभी सोचा है कि 1 करोड़ रुपये जमा करने में कितना समय लगता है? यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप कितना निवेश करते हैं और आपको अपने निवेश पर कितना रिटर्न मिलता है। लेकिन यह उतना मुश्किल नहीं है जितना आप सोचते हैं। थोड़े से अनुशासन और कंपाउंडिंग की शक्ति के साथ, आप लंबी अवधि में अपनी बचत को आसानी से दोगुना या तिगुना कर सकते हैं।
आइए जानें कि कैसे कंपाउंडिंग आपको अमीर बना सकता है-
जबकि साधारण ब्याज की मूल धन या आपके द्वारा निवेश किए गए धन पर की जाती है। वहीं, चक्रवृद्धि ब्याज की गणना मूल धन और उस पर आपके द्वारा अर्जित ब्याज पर की जाती है। कंपाउंडिंग वह प्रक्रिया है जहां आप पहले से जमा ब्याज पर भी ब्याज कमाते हैं।
आइए जानते हैं क्या है कंपाउंडिंग का 8-4-3 नियम?
अगर आप काफी कम सयम में 1 करोड़ रुपये जमा करना चाहते हैं तो आपको कंपाउंडिंग के 8-4-3 नियम को जनना चाहिए। आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में हर महीने 21,250 रुपये की राशि निवेश करते हैं, जिस पर प्रति वर्ष 12% ब्याज मिलता है और सालाना चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है, तो आपको आठ वर्षों में अपना पहला 33.37 लाख रुपये जमा हो जाएगा।
अब समझते हैं कंपाउंडिंग का जादू। अगले 33 लाख रुपये जमा होने में केवल आधा समय यानी चार साल लगेंगे। तीसरा 33.33 लाख रुपये बचाने में आपको सिर्फ तीन साल लगेंगे। यानी आप 15 साल में 1 करोड़ रुपये जमा कर लेंगे। जब आप 22वें साल में पहुंचेंगे, तो कंपाउंडिंग की बदौलत 33 लाख रुपये जमा होने में सिर्फ एक साल लगेगा। ध्यान रखें कि यहां हम वार्षिक कंपाउंडिंग लेते हैं, यानी ब्याज की गणना साल में एक बार की जाती है।