नई दिल्ली। देश में सर्दियों का मौसम दस्तक दे रहा है। इसके साथ ही बीते कई सालों से जारी प्रदूषण की समस्या भी सिर उठाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार भी अलर्ट पर है। दिल्ली परिवहन विभाग ने वाहन मालिकों से कहा है कि वे ड्राइविंग के वक्त वैध प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र जरूर साथ रखें। वैध पीयूसी प्रमाण पत्र के बिना पकड़े जाने पर वाहन मालिकों को छह महीने तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
रविवार को परिवहन विभाग द्वारा जारी एक सार्वजनिक नोटिस में कहा गया है कि पीयूसी सर्टिफिकेट न दिखाने वाले वाहन चालकों का तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा। राष्ट्रीय सरकार के परिवहन विभाग ने दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए यह प्रयास शुरू किया है।
बता दें कि वाहन से निकलने वाले कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे विभिन्न प्रदूषकों के लिए वाहन का समय-समय पर परीक्षण किया जाता है। जिसके बाद उन्हें पीयूसी प्रमाणपत्र दिया जाता है। सार्वजनिक नोटिस में कहा गया है, "सभी पंजीकृत वाहन मालिकों से अनुरोध है कि वे परिवहन विभाग द्वारा अधिकृत प्रदूषण जांच केंद्रों से अपने वाहनों की जांच करवाएं ताकि किसी भी तरह के दंड/कारावास/ड्राइविंग लाइसेंस के निलंबन से बचा जा सके।"
पेट्रोल और सीएनजी चालित दुपहिया और तिपहिया वाहनों के मामले में प्रदूषण जांच का शुल्क 60 रुपये है। चार पहिया वाहनों के लिए यह 80 रुपये है।डीजल वाहनों के प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र का शुल्क 100 रुपये है। केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अनुसार, प्रत्येक मोटर वाहन (बीएस-I/बीएस-II/बीएस-III/बीएस-IV के साथ-साथ सीएनजी/एलपीजी पर चलने वाले वाहनों सहित) के लिए एक वैध पीयूसी प्रमाणपत्र होना आवश्यक है। हालांकि, चार पहिया बीएस-IV अनुपालन वाले वाहनों की वैधता एक वर्ष और अन्य वाहनों के लिए तीन महीने है।