नई दिल्ली: वाहन चालकों के लिए बड़ी खबर है। पुलिस ने इस संबंध में चेतावनी जारी की है। अगर आप भी ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते है तो सावधान हो जाए। उत्तर प्रदेश पुलिस ने चेतावनी देते हुए कहा है कि दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट अवश्य लगायें। जागरूक नागरिक होने का परिचय दें। यातायात नियमों का पालन करें, सुखद, सुरक्षित एवं मंगलमय यात्रा करें। यातायात निदेशालय, उत्तर प्रदेश।
इसके साथ ही यातायात पुलिस ने कहा कि वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें। बहुत ही आवश्यक हो तो किसी सुरक्षित स्थान पर वाहन खड़ा कर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करें। जागरूक नागरिक होने का परिचय दें। यातायात नियमों का पालन करें, सुखद, सुरक्षित एवं मंगलमय यात्रा करें। पुलिस समय-समय पर नागरिकों को जागरुक करने के लिए यातायात नियमों को लेकर इस तरह की जानकारी साझा करती रहती है। ऐसे में हम भी आपसे अपील करते है कि यातायात नियमों का पालन करें जिससे आप भी सुरक्षित रहें और अन्य लोग भी।
इसके अलावा हाल ही में एक नया निमय भी बनाया गया है जिसका उल्लंघन करने पर 10000 से 100000 रुपए तक का जुर्माना आपको देना पड़ सकता है। दिल्लीवासियों को बिना अनुमति के लाउडस्पीकर या डीजल जेनरेटर सेट का उपयोग करके ध्वनि प्रदूषण मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए 10,000 रुपये से एक लाख रुपये तक का जुर्माना भुगतान करना होगा क्योंकि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने अधिकारियों से संशोधित नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए कहा है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के संशोधित जुर्माने के अनुसार बिना अनुमति के या रात के दौरान किसी सार्वजनिक स्थान पर लाउडस्पीकर या ध्वनि विस्तारक प्रणाली द्वारा ध्वनि प्रदूषण के उल्लंघन के मामले में 10,000 रुपये का जुर्माना देना होगा और उपकरण भी जब्त कर लिया जाएगा। डीपीसीसी के आदेश में कहा गया है कि 1,000 केवीए से अधिक के डीजल जेनरेटर (डीजी) सेट के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना, 62.5 केवीए से 1,000 केवीए के बीच के डीजी सेट के लिए 25,000 रुपये और 62.5 केवीए तक के डीजी सेट के लिए 10,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।
रिहायशी इलाकों में दिन के समय 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल तक ध्वनि के स्तर की अनुमति है। इसी तरह, वाणिज्यिक क्षेत्रों में मंजूर ध्वनि सीमा दिन के समय 65 डेसिबल और रात के दौरान 55 डेसिबल है। संवेदनशील क्षेत्रों में यह दिन में 50 डेसिबल और रात में 40 डेसिबल है। इसके अलावा, 'साइलेंट जोन' हैं, जिनमें ऐसे क्षेत्र शामिल हैं जो स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों और अदालतों के परिसर के 100 मीटर के भीतर स्थित हैं।
आदेश के मुताबिक किसी भी आवास कल्याण समिति (आरडब्ल्यूए) के परिसर में या शादी समारोह में निर्धारित सीमा से अधिक पटाखे फोड़ने की स्थिति में आयोजक और परिसर के मालिक को पहले उल्लंघन के लिए 20,000 रुपये जुर्माने का भुगतान करना होगा।
डीपीसीसी के आदेश में कहा गया, ‘‘दूसरी बार उल्लंघन के लिए आयोजक और मालिक को 40,000 रुपये देने होंगे। एक निश्चित परिसर के भीतर या विवाह समारोह में दो से अधिक उल्लंघन के लिए, आयोजक और मालिक को एक लाख रुपये का जुर्माना देना होगा। परिसर को भी सील किया जाएगा।’’ डीपीसीसी के अधिकारियों ने कहा कि सीपीसीबी द्वारा 2020 में जुर्माने को संशोधित किया गया था। डीपीसीसी ने सभी जिलाधिकारियों, उप संभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम), दिल्ली पुलिस और यातायात पुलिस को इन नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है।