नोएडा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। नई आबकारी नीति 2021-22 के तहत अब घर पर शराब रखने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होगी। एक साल के लिए इस लाइसेंस का शुल्क 12,000 रुपये होगा और इसके अलावा 51,000 रुपये सिक्योरिटी मनी के तौर पर जमा करानी होगी।
बीयर पर उत्पाद शुल्क घटाया
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में बीयर की बिक्री बढ़ाने के लिए इस पर उत्पाद शुल्क घटा दिया है। 500एमएल स्ट्रॉन्ग बीयर केन पर उत्पाद शुल्क में एक तिहाई की कमी की गई है। एक दुकानदार ने बताया कि 500एमएल केन की कीमत अभी 130 रुपये है, 1 अप्रैल से यही बीयर लगभग 110 रुपये में मिलेगी। राज्य सरकार ने रिटेल लाइसेंस को रिन्यू करने के लिए भी लगने वाली फीस में कोई वृद्धि नहीं की है।
34,500 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य
2020-21 में अनुमानित राजस्व 28,340 करोड़ रुपये के मुकाबले, 2021-22 के लिए अपेक्षित राजस्व 34,500 करोड़ रुपये है। राज्य में शराब के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए, स्थानीय रूप से उत्पादित फलों से बनी शराब को पांच साल की अवधि के लिए उत्पाद शुल्क से छूट दी जाएगी। शराब की खुदरा बिक्री की अनुमति दी जाएगी। पॉलिसी में कहा गया है कि इसके परिसर में वाइन टैवर्न की भी अनुमति होगी।
तीन साल में रिन्यू कराना होगा लाइसेंस
नई आबकारी नीति में के तहत व्यवसाय को आसान बनाने और बढ़ावा देने के लिए ब्रांड पंजीकरण, लेबल अनुमोदन, बार और माइक्रो-शराब की भठ्ठी के लाइसेंस अब हर साल मंजूर नहीं कराना होगा। इसे तीन साल में एक बार नवीनीकृत कराना होगा।
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