नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस को स्टेज-3 में जाने से रोकने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को कई अहम फैसले लिए हैं, जिसमें निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को घर से काम करने का आदेश जारी किया गया है। इसके अलावा कोरोना वायरस से पीडि़त सरकारी कर्मचारी को पूरा वेतन देने का भी फैसला लिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि दैनिक मजदूरी कर अपनी रोजी रोटी चलाने वाले लोगों के भरण पोषण के लिए सरकार ने वित्त मंत्री की अध्यक्षता में श्रम मंत्री और कृषि मंत्री की तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है, जो अपनी रिपोर्ट तीन दिन में देगी। इसके बाद फैसला लिया जाएगा कि कैसे गरीबों के खातों में कुछ पैसा डाला जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस का प्रकोप स्टेज 2 में है सरकार के प्रयास है कि इसे किसी भी हालात में स्टेज 3 तक न पहुंचने दिया जाए। यह भी फैसला किया गया है कि निजी क्षेत्र के लोग घर से काम करें तथा कोरोना वायरस से पीड़ित सरकारी कर्मचारी को पूरी तन्ख्वाह मिलेगी। सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है, जो सरकारी कर्मचारियों के लिए कार्यालयों में काम करने की व्यवस्था के संबंध में रिपोर्ट देगी।
प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित सभी लोगों का मुफ्त इलाज होगा। इसके साथ ही सभी तरह के धरने तथा प्रदर्शन पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। उत्तर प्रदेश में 31 मार्च तक सभी पर्यटन स्थलों को लोगों के लिए बंद रखने के निर्देश जारी किए गए है।
कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए उत्तर प्रदेश के सभी स्कूल और कॉलेज को दो अप्रैल तक बंद रखने का फैसला लिया गया है। पहले सरकार ने सभी स्कूल-कॉलेजों को 22 मार्च तक बंद करने का आदेश जारी किया था। सरकार ने अगले आदेश तक सभी परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया है।
सरकार जिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों के धार्मिक गुरुओं से अपील करेगी कि वह मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारों तथा गिरिजाघरों में भीड़ को रोकें। इसके साथ ही प्रदेश में धरना प्रदर्शन पर भी पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा।