नयी दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने ग्राहकों के लिये आधार सत्यापन को लेकर राशि 20 रुपये से कम कर 3 रुपये कर दी है। इस पहल का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि इकाइयां विभिन्न सेवाओं और लाभों के जरिये लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिये उसकी ढांचागत सुविधाओं का लाभ उठायें।
एनपीसीआई-आईएएमएआई द्वारा आयोजित वैश्विक फिनटेक फेस्ट को संबोधित करते हुए यूआईडीएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सौरभ गर्ग ने कहा कि वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आधार का लाभ उठाने की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने प्रति सत्यापन की दर 20 रुपये से घटाकर 3 रुपये कर दी है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विभिन्न एजेंसियां और संस्थान सरकार द्वारा तैयार डिजिटल बुनियादी ढांचे का बेहतर उपयोग कर सकें। मान-सम्मान के साथ लोगों के जीवन को सुगम बनाने के लिये इन बुनियादी ढांचों का उपयोग जरूरी है।’’ अब तक 99 करोड़ ई-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) के लिये आधार प्रणाली का उपयोग किया गया है।
गर्ग ने कहा, "मुझे लगता है कि यह फिनटेक कंपनियों को नए ग्राहकों को जोड़ने के लिए एक लागत प्रभावी समाधान देता है। यही वह जगह है जहां आधार की शक्ति निहित है और आधार की केवाईसी आजीवन और पुन: प्रयोज्य पहचान प्रदान करती है जो आधार प्रणाली की शक्ति है।" उन्होंने कहा कि यूआईडीएआई किसी के साथ बायोमेट्रिक्स साझा नहीं करता है और अपने सभी भागीदारों से अपेक्षा करता है कि वे समान स्तर की सुरक्षा और गोपनीयता बनाए रखें जैसा कि प्राधिकरण करता है।