बैंक में खाता खोलने, सब्सिडी लेने और पासपोर्ट बनवाने से लेकर लगभग हर काम में आधार कार्ड का इस्तेमाल होने लगा है। लेकिन अगर आप प्लास्टिक आधार कार्ड या यूं कहें स्मार्ट आधार कार्ड पसंद करते हैं और इन्हें बनवाने की सोच रहे हैं तो ठहर जाएं। आधार जारी करने वाली अथॉरिटी UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने ट्वीट के जरिए चेतावनी जारी की है कि प्लास्टिक आधार या आधार स्मार्ट कार्ड/PVC कार्ड मान्य नहीं है। आधार कार्ड धारक के पास आया आधार लेटर/uidai.gov.in से डाउनलोडेड आधार या mAadhaar प्रोफाइल आधार से जुड़ी किसी भी सेवा का लाभ लेने के लिए पर्याप्त है।
प्लास्टिक Aadhaar कार्ड के नुकसान
फरवरी 2018 में यूआईडीएआई ने प्लास्टिक आधार कार्ड के नुकसान बताते हुए एक बयान जारी किया था। इस बयान में अथॉरिटी ने कहा था कि प्लास्टिक आधार या फिर स्मार्ट आधार कार्ड का इस्तेमाल न करें। ऐसे कार्ड से आपकी आधार डिटेल्स की प्राइवेसी पर खतरा है। यूआईडीएआई का कहना है कि प्लास्टिक आधार कार्ड कई बार काम नहीं करता है। इसकी वजह है कि प्लास्टिक आधार की अनऑथराइज्ड प्रिन्टिंग के चलते QR कोड डिस्फंक्शनल हो जाता है। साथ ही आधार में मौजूद आपकी पर्सनल डिटेल्स के बिना आपकी अनुमति के शेयर किए जाने का भी खतरा है।
साधारण कागज पर डाउनलोडेड आधार भी है मान्य
यूआईडीएआई ने अपने बयान में इस बात पर भी जोर दिया है कि ओरिजनल आधार के अलावा एक साधारण पेपर पर डाउनलोड किया हुआ आधार और एमआधार पूरी तरह से मान्य हैं, इसलिए आपको स्मार्ट आधार के चक्कर में पड़ने की जरूरत नहीं है। यहां तक कि आपको कलर्ड प्रिन्ट की भी जरूरत नहीं है। साथ ही आपको अलग से आधार कार्ड के लैमिनेशन या प्लास्टिक आधार कार्ड की जरूरत नहीं है। अगर आपका आधार खो गया है तो आप इसे मुफ्त में https://eaadhaar.uidai.gov.in से डाउनलोड कर सकते हैं।
प्लास्टिक आधार के नाम पर वसूले जाते हैं कितने रुपए?
बयान में यह भी कहा गया कि प्लास्टिक या पीवीसी शीट पर आधार की प्रिंटिंग के नाम पर लोगों से 50 से लेकर 300 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। कहीं-कहीं तो इससे भी ज्यादा चार्ज लिया जा रहा है। यूआईडीएआई (UIDAI) ने लोगों से इस तरह की दुकानों या लोगों से बचने की और उनके झांसे में न आने की सलाह दी है।