नई दिल्ली। फेस्टिव सीजन में आपकी शॉपिंग को सरल बनाने के लिए कई आसान पेमेंट विकल्प मार्केट में मौजूद हैं। इससे जीरो पर्सेंट फाइनेंस स्कीम बेहद खास है। इसमें फाइनेंस कंपनियां रिटेल स्टोर या कंज्यूमर गुड्स कंपनी के साथ टाइअप करती हैं। जिसके आधार पर वे कस्टमर को शून्य फीसदी ब्याज पर आसान किस्तों के साथ प्रोडक्ट खरीदने का मौका देती हैं। लेकिन यहां जीरो पर्सेंट फाइनेंस का मतलब यह नहीं होता कि आपको कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं करना होगा। अक्सर फाइनेंस कंपनियां लोन के बदले आपके भारी भरकम प्रोसेसिंग फीस वसूलती हैं। जो कि कई बार ब्याज के बराबर ही बैठता है।
क्या है जीरो पर्सेंट फाइनेंस- सामान्यतया कंज्यूमर गुड्स कंपनिया जीरो पर्सेंट फाइनेंस स्कीम देती हैं जिसमें आपको अपने खरीदे गए सामान के लिए तुरंत पूरा भुगतान नहीं करना पड़ता है। आपके सामान की ईएमआई बन जाती है जिसे आपको एक निश्चित अवधि में चुकाना होता है। इन ईएमआई पर आपको ब्याज नहीं देना होता है। यह एक तरह का लोन होता है लेकिन इसे बैंक नहीं बल्कि कंपनियां आपका क्रेडिट स्कोर देखकर उपलब्ध कराती हैं।
बैंक में नहीं मिलती जीरो पर्सेंट फाइनेंस स्कीम – हालांकि RBI की सख्त गाइडलाइन्स के चलते बैंकों ने जीरो पर्सेंट फाइनेंस स्कीम पर रोक लगा दी है। ऐसे में यह स्कीम अब सिर्फ नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) और रिटेल स्टोर्स मुहैया कराते हैं। मौजूदा समय में केवल दो कंपनियां बजाज फाइनेंस जो नॉर्थ इंडिया में है और श्रीराम कैपिटल जो साउथ इंडिया में है, ही कंस्यूमर गुड्स खरीदने पर जीरो फाइनेंस रिटेलर्स से टाई अप करके देती है।
कैसे करती है काम- मान लीजिए आपने कोई सामान खरीदा तो जीरो पर्सेंट फाइनेंस उपलब्ध कराने वाली कंपनी आपको सामान की कीमत को ब्याज मुक्त ईएमआई में बदल देगा। आपको ये ईएमआई एक निश्चित अवधि में चुकानी होती है। इस तरह की स्कीम पर सरकार ने रोक लगा रखी है। बैंक इस तरह का लोन उपलब्ध नहीं करा सकते हैं हां आकर्षक ऑफर देने वाली कंपनियां ऐसा कर सकती हैं।
जीरो फाइनेंस स्कीम लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान – जीरो फाइनेंस स्कीम आपके लिए प्रोडक्ट खरीदना तो आसान बनाता है, लेकिन इसे लेने से पहले आपको कुछ बातें जा लेना भी बहुत जरूरी है। अक्सर फेस्टिवल पर कंपनियां कंस्यूमर ड्यूरेबल गुड्स परभी डिस्काउंट देती है और कई बार डीलर्स भी गिफ्ट्स दे देते हैं। लेकिन याद रखें कि जीरो फाइनेंस स्कीम के अंतर्गत कंपनी और रिटेलर की तरफ से कोई भी कैश डिस्काउंट या गिफ्ट कूपन नहीं मिलता है। खरीदे हुए सामान का पैसा रिटेलर किश्तों में आपसे लेता है जो एनबीएफसी आपसे लेता है। ऐसे में प्रोसेसिंग फीस के साथ कुल मिलाकर आपकी शॉपिंग महंगी ही पड़ती है।