नई दिल्ली। क्या आप अपनी पत्नी/पति, माता-पिता, भाई/बहन या बच्चों के साथ ज्वाइंट सेविंग्स एकाउंट खोलना चाहते हैं? आपको बता दें कि सारे बैंक जहां सेविंग एकाउंट्स खोलने की सुविधा है, वहां ज्वाइंट एकाउंट भी खोला जा सकता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के मुताबिक एक ज्वाइंट एकाउंट खोलने के लिए कितने भी सदस्य हो सकते हैं। इस पर कोई भी लिमिट नहीं है। लेकिन ऐसे कई बैंक हैं, जो चार सदस्यों से ज्यादा की अनुमति नहीं देते। साथ ही किस तरह आप अपना ज्वाइंट एकाउंट ऑपरेट करते हैं यह बात बैंक के साथ किए गए एग्रीमेंट पर निर्भर करता है।
जानिए विभिन्न प्रकार के ज्वाइंट एकाउंट-
ज्वाइंट सेविंग्स एकाउंट के साथ कई विकल्प होते हैं, जैसे कि जीवित में से कोई भी एकाउंट ऑपरेट कर सकता है, फॉर्मर या सर्वाइवर यानि कि इसमें से केवल पहला ही एकाउंट चला सकता है। यह सभी टर्म्स इस बात को सुनिश्चित करती हैं कि आप किस तरह एकाउंट ऑपरेट करते हैं और एकाउंट होल्डर की मृत्यु की स्थिति में उस पैसे का क्या किया जाना है-
1. ईदर या सर्वाइवर (Either or survivor)– यदि आप इस विकल्प का चयन करते हैं तो जीवित ऑपरेटर्स में से कोई भी एकाउंट चला सकता है। उदाहरण के तौर पर ज्वाइंट एकाउंट के होल्डर भाई बहन हैं, तो दोनों ही एकाफंट ऑपरेट कर सकते हैं।
2. फॉर्मर या सर्वाइवर (Former or Survivor)– इस ऑप्शन को चुनने से केवल पहला एकाउंट होल्डर एकाउंट चला सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर पति-पत्नी का ज्वाइंट एकाउंट है और पत्नी पहली एकाउंट होल्डर है तो इस स्थिति में केवल पत्नी ही ऑपरेट कर सकती है।
3. लैटर या सर्वाइवर (Latter or Survivor)– इस ऑप्शन के चयन करने से केवल दूसरा एकाउंट होल्डर एकाउंट ऑपरेट कर सकता है। जैसे पति पत्नी के ज्वाइंट एकाउंट में पत्नी पहली होल्डर और पति दूसरा एकाउंट होल्डर है तो एकाउंट का संचालन पति ही कर सकता है।
अगर कई सारे एकाउंट होल्डर हैं तो उस स्थिति में बैंक एक और विकल्प देते हैं। यह विकल्प एनिवन या सर्वाइवर (anyone or survivor) है। इसके तहत सभी एकाउंट होल्डर एकाउंट ऑपरेट कर सकते हैं।
यदि एकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाए तो पैसे का क्या किया जाता है?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की अधिसूचना के तहत अगर एक ज्वाइंट एकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाती है तो सर्वाइवर को बैंक से पैसा लेने के लिए वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे, हालांकि सर्वाइवर इस पैसे की देखरेख कानूनी उत्तराधिकारी के ट्रस्टी के रूप में करेगा (जो कि सर्वाइवर भी हो सकता है), जब तक कि सर्वाइवर खुद अकेला एकाउंट में शेष राशि हासिल करने वाला लाभार्थी न हो या मरने वाले का अकेला कानूनी वारिस न हो।
यदि मृत व्यक्ति के कानूनी उत्तराधिकारी एकाउंट में पड़े पैसे को क्लेम करता है तो बैंक सारा पैसा सर्वाइवर को दे देता है। मसलन, अगर बैंक कोर्ट ऑर्डर के अधीन नहीं है तो वह एकाउंट में दिए गए सर्वाइवर के नाम के व्यक्ति को पैसा दे देते हैं। यदि ज्वाइंट एकाउंट के दिशा निर्देश ने यह नहीं लिखा कि अमाउंट सर्वाइवर को जाए तो इस स्थिति में सारा पैसा सर्वाइवर और मृत व्यक्ति के कानूनी उत्तराधिकारी को बराबर दिया जाएगा।
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