नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2015-16 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने के लिए अंतिम तारीख 31 जुलाई है। अगर ऐसे में आपको रिटर्न फाइल करने में दिक्कत आ रही है तो इंडिया टीवी पैसा की टीम आज रिटर्न भरने का तरीका बता रही है।
सबसे पहले रिटर्न भरने से पहले सुनिश्चित कर लें कि आपके पास सभी संबंधित दस्तावेज हैं।
1. फॉर्म 16-
नौकरीपेशा लोगों को नियोक्ता यह फॉर्म देता है। यदि आपके पास फॉर्म 16 नहीं है तो आपकी पे-स्िलप के आधार पर इनकम टैक्स का कैलकूलेशन किया जाएगा। इसमें हर महीने कटने वाले TDS की भी जानकारी होती है।
2. TDS सर्टिफिकेट-
शेयर्स, फिक्स्ड डिपॉजिट, रेंटल इनकम आदि से होने वाली आय के मामले में अगर टीडीएस कट चुका हो तो उस संस्थान से टीडीएस सर्टिफिकेट जरूर लें। फिक्स्ड डिपॉजिट की स्थिति में यह सर्टिफिकेट आपको बैंक से हासिल करना होता है।
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3. फॉर्म 26AS–
फॉर्म 26AS से यह पता चलता है कि कंपनी या बैंक की ओर से काटा गया TDS सरकार के पास जमा कराया गया है या नहीं। इसकी जानकारी देखने के लिए दो तरीके हैं। पहला incometaxindiaefiling.gov.in पर क्लिक करें। अगर आप पहली बार रिटर्न भर रहे हैं तो Register Yourself पर जाकर रजिस्टर करें। अगर आप पहले भी भर चुके हैं तो अपना यूजर नेम और पासवर्ड डालकर लॉगइन करें। आपको बता दें कि आपका यूजर नेम पैन नंबर होता है और पासवर्ड आप खुद जनरेट करते हैं। लॉगइन करने के बाद View Form 26AS करें। नेट बैंकिंग इस्तेमाल करने की स्थिति में बैंक की वेबसाइट पर जाकर View Your Tax Credit क्लिक करें। इसके बाद आप अपना फॉर्म 26AS देख सकते हैं। लेकिन आपको बता दें कि इससे आप केवल उस बैंक में चल रही एफडी, सेविंग एकाउंट पर ब्याज आदि के बारे में ही जानकारी मिल सकती है।
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4. बैंक की स्टेटमेंट-
सभी सेविंग्स एकाउंट की साल भर की स्टेटमेंट्स ले लें। इससे आपको यह पता चलेगा कि बैंक ब्याज के रूप में सालभर में कितनी आमदनी हुई। ब्याज की इस आमदनी को आपको रिटर्न में दिखाना होगा। ब्याज साल में दो बार अप्रैल और अक्टूबर में दिया जाता है।
5. कटौती के डॉक्यूमेंट्स
टैक्स कटौती के दायरे में आने वाले निवेश से संबंधित सभी दस्तावेज आपके पास होने चाहिए। फॉर्म 16 में यह सभी जानकारी होती है, लेकिन डिडक्शन के डॉक्यूमेंट्स होने से इन्हें क्रॉस चेक करने में आसानी होती है। इन डॉक्यूमेंट्स में बच्चों की फीस, जीवन बीमा, पीपीएफ, मेडिकल इंश्योरेंस की रसीदें और लोन स्टेटमेंट जैसी चीजें अहम हैं।
6. अन्य डॉक्यूमेंट्स-
पैन नंबर और आधार नंबर अनिवार्य है। इसके अलावा सभी बैंक एकाउंट की डिटेल्स होनी चाहिए। इन डिटेल्स में IFSC, बैंक का नाम और एकाउंट नंबर रिटर्न में भरा जाता है। इससे रिफंड का पैसा सीधे आपके एकाउंट में भेजा जाता है।
रिटर्न भरने के दो तरीके होते हैं-
– मैन्युअली
– ऑनलाइन
मैन्युअली भरने की स्थिति में फिजिकल फॉर्म लें या फिर www.incometaxindia.gov.in से डाउनलोड कर लें। इसमें या तो फॉर्म को स्वयं भरें या फिर किसी CA, वकील या इनकम टैक्स विभाग के टैक्स रिटर्न प्रिपेयरर (टीआरपी) को फीस देकर फॉर्म भरवा सकते हैं।
रिटर्न ऑनलाइन फाइल करना है बेहद आसान-
रिफंड क्लेम करने के लिए ई-फाइलिंग अनिवार्य है। पांच लाख रुपए से कम की आमदनी की स्थिति में भी रिटर्न फाइल करनी होती है। 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए यह नियम लागू नहीं होता है। यह लोग अपना रिटर्न मैन्युअली भी भर सकते हैं। आपको बता दें कि ऑनलाइन रिटर्न फाइल करने के कई फायदे होतें हैं। जैसे कि ऑनलाइन रिटर्न फाइल करने पर क्लेम किया हुआ रिफंड जल्दी मिल जाता है और उसे सीधा बैंक एकाउंट में जमा कर दिया जाता है। ऑनलाइन रिटर्न फाइल के लिए कई पेड वेबसाइट्स भी होती हैं। अगर आप इनकम टैक्स विभाग की साइट से फाइल करते हैं तो यह नि:शुल्क होता है।