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10 साल की उम्र से बच्‍चे कर सकते हैं बैंक अकाउंट ऑपरेट, पैरेंट्स रखें ये सावधानियां

बच्‍चों को बैंकिंग वर्ल्‍ड से रूबरू करवाने का एक बेहतरीन जरिया है बैंक अकाउंट। 10 साल की उम्र का बच्चा सेविंग्स एकाउंट खोल भी सकता है और खुद चला सकता है।

Abhishek Shrivastava
Updated on: February 17, 2016 14:10 IST
10 साल की उम्र से बच्‍चे कर सकते हैं बैंक अकाउंट ऑपरेट, पैरेंट्स रखें ये सावधानियां- India TV Paisa
10 साल की उम्र से बच्‍चे कर सकते हैं बैंक अकाउंट ऑपरेट, पैरेंट्स रखें ये सावधानियां

नई दिल्‍ली। हम सभी अपने बच्‍चों को शुरुआत से अच्‍छी आदतें सिखाते हैं। फाइनेंशियल नॉलेज भी बच्‍चों की पर‍वरिश का ही हिस्‍सा है। हम जितनी जल्‍दी अपने बच्‍चों को रुपए पैसे की अहमियत और खर्च एवं फिजूल खर्च का अंतर समझा सकें, वही अच्‍छा है। बच्‍चों को रुपए पैसे और बैंकिंग वर्ल्‍ड से रूबरू करवाने का एक बेहतरीन जरिया है बैंक अकाउंट। अगर आपके बच्चा 10 साल की उम्र से ऊपर का है तो वह सेविंग्स एकाउंट खोल भी सकता है और उसे खुद चला भी सकता है। वह बिना किसी बड़े की सलाह से पैसे डाल, निकाल और ट्रांस्फर कर सकता है। हालांकि यह सुविधा सभी बैंक नहीं देते हैं। अगर आपका बच्चा 10 साल से कम की उम्र का है तो इन सभी कामों को करने के लिए माता पिता की अनुमति अनिवार्य है। एकाउंट माता पिता के साथ ज्वाइंटी खोला जाएगा और इसे बच्चा व माता पिता दोनो ऑपरेट कर सकते हैं या फिर केवल माता पिता भी। जानिए कैसे सेबिंग्स एकाउंट काम करता है।

10 से अधिक उम्र के बच्‍चे कर सकते हैं अकाउंट ऑपरेट

केवल 10 साल की उम्र या उससे ऊपर के बच्चे ही बैंक अकाउंट को ऑपरेट कर सकते हैं। इसके लिए बच्चे को साइन करना आना चाहिए क्योंकि वह अपने एकाउंट का अकेला ऑपरेटर होगा। इस एकाउंट को खोलने के लिए आपके बच्चे को केवाईसी यानि कि नो यॉर कस्टमर के डॉक्यूमेंट्स को भरने होंगे, अपना बर्थ प्रूफ, दो तस्वीर और अपने माता पिता का केवाईसी देना होता है। कुछ बैंक प्रिंसिपल की ओर से स्कूल के लेटर हैड पर लिखित इंट्रोडक्शन ले लेते हैं। इस लैटर में बच्चे का घर का एड्रैस जरूर होना चाहिए। जो भी बैंक सेविंग्स एकाउंट की सुविधा देते है उसकी किसी ब्रांच में जाकर अपने डॉक्यूमेंट्स जमा करा सकता है। एकाउंट खुलने के बाद उसे डेबिट कार्ड या फिर चेक बुक इश्यू कर दी जाएगी।

ये होती हैं माइनर अकाउंट की  बंदिशें

ये एकाउंट्स कुछ लिमिटेशन्स के साथ आते हैं। इनमें निकासी और ट्रांजेक्शन लिमिट 1000 रुपए से लेकर 5000 रुपए प्रति दिन की है। मिनिमम बैंलेंस 100 रुपए से 2500 रुपए तक की है जिसकी अवधि 15 दिन या एक महीना हो सकती है। अगर उतना बैंलेंस मेंटेन नहीं रखा तो 100 रुपए की शुरुआती पैनेल्टी लगनी शुऱु हो जाती है। कुछ बैंक मिनिमम बैंलेंस की मांग नहीं करते है। एटीएम मशीन के ट्रांजेक्शन किसी भी सामान्य बैंक के जितने होते हैं और अलग अलग बैंक पर निर्भर करते हैं। आपका बच्चा बेसिक इंटरनेट बैंकिंग कर सकता है। 18 साल की उम्र पूरी होते ही एकाउंट को रेगुलर एकाउंट में बदला जा सकता है।

किन बातों का रखे ध्यान

अपने बच्चे को बैंक से जुड़े काम सिखाना अच्छी बात है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा अपने पैसे को मैनेज करना सीखे तो उसके एकाउंट खोलें और उसे ऑपरेट करना सिखाए। ऐसा करने से उसे असल ट्रांजेक्शन का ज्ञात होगा और साथ ही उसे यह पता चलेगा कि सेविंग्स के अलावा पैसे की क्या अहमियत होती है। अगर सिर्फ उदेश्य केवल सेविंग्स ही है तो भी कई फीचर्स होते हैं जैसे कि ब्याज दर आदि। अगर आप अपने बच्चे को पूर्ण रूप से बैंक का एक्सेस नहीं देना चाहते तो बाजार में ऐसे कई प्रोडक्ट्स मौजूद हैं जिसके इस्तेमाल से पहले माता पिता की अनुमति मांगी जाती है।

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