चेन्नई। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या 27,000 से अधिक होने और सरकारी स्वास्थ्य ढांचे पर बढ़ते दवाब को देखते हुए तमिलनाडु सरकार ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए अब प्राइवेट अस्पतालों को भी शामिल करने का निर्णय लिया है। सरकार ने निजी अस्पतालों में उपचार के लिए शुल्क की दैनिक सीमा भी तय कर दी है।
अभी तक तमिलनाडु सरकार कोविड-19 मरीजों को सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में उपचार उपलब्ध करवा रही है। सरकार की नई घोषणा के मुताबिक जो परिवार पहले से मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना में पंजीकृत और पात्र हैं वो निजी अस्पतालों में उपचार करवा सकते हैं।
सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पैनल में शामिल निजी अस्पताल बिना लक्षण वाले या मामूली लक्षणों वाले मरीजों का उपचार जनरल वार्ड में करने पर प्रतिदिन अधिकतम 5000 रुपए तक का शुल्क ले सकते हैं।
आईसीयू के मामले में, ग्रेड ए1 और ए2 अस्पतालों के लिए दैनिक शुल्क की अधिकतम सीमा 10,000 से 15,000 रुपए के बीच होगी, जबकि ग्रेड3 और ग्रेड4 अस्पतालों के लिए यह सीमा 9000 से 13,500 रुपए के बीच होगी। सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए यह भी शर्त रखी है कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत रोगियों का उपचार करने वाले सभी अस्पतालों को अपने यहां 25 प्रतिशत बेड कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित रखने होंगे।
सरकारी आदेश में कहा गया है कि इस योजना के लाभार्थियों को कोविड-19 उपचार के लिए कोई भी राशि का भुगतान नकद करने की जरूरत नहीं होगी। सरकार द्वारा तय शुल्क से अधिक की वसूली करने वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ऐसी कई रिपोर्ट सामने आई थीं जिसमें कहा गया था कि प्राइवेट अस्पताल कोविड-19 मरीजों से 20,000 रुपए प्रतिदिन तक का शुल्क वसूल रहे हैं। इसके बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया था कि सरकार जल्द ही उपचार लागत को सीमित करने के लिए कदम उठाएगी।