नयी दिल्ली: केंद्र ने शुक्रवार को कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) ने राशन कार्डों को आधार से जोड़ने का लगभग 93 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है। केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों की राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया, ‘‘राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों ने राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 21.91 करोड़ (92.8 प्रतिशत) राशन कार्ड और एनएफएसए (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम) के 70.94 करोड़ (90 प्रतिशत) लाभार्थियों को आधार से जोड़ने का काम पूरा कर लिया है।’’
एनएफएसए में, अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के तहत आने वाले परिवार प्रति माह 35 किलोग्राम खाद्यान्न 1-3 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर प्राप्त करने के हकदार हैं। इसी तरह प्राथमिकता वाले परिवार प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न 1-3 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्राप्त करने के हकदार हैं। 80 करोड़ से अधिक लोग खाद्य कानून के दायरे में आते हैं।
मंत्री ने कहा कि देश में करीब 4.98 लाख (92.7 फीसदी) राशन की दुकानों में 23 जुलाई तक ईपीओएस (इलेक्ट्रानिक प्वायंट आफ सेल) उपकरण लगे हैं। ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ (ओएनओआरसी) योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) का लाभ पूरे देश में कहीं भ्री प्राप्त करने (पोर्टेबिलिटी) की व्यवस्था 33 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में लागू है, जिसके दायरे में एनएफएसए लाभार्थियों का करीब 86.7 प्रतिशत आबादी आ जाती है। इस पोर्टेबिलिटी योजना को जुलाई 2021 से दिल्ली ने भी अपना लिया है।