नई दिल्ली। रेल में मिलने वाले खाने की क्वालिटी सुधारने के लिए रेल मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत पैंट्री कार के साथ सभी ट्रेनों में कैटेरिंग सर्विस इस साल के अंत तक IRCTC के हवाले कर दी जाएंगी। इसके अलावा सात राजधानी और छह शताब्दी ट्रेनों के यात्रियों को ई-कैटेरिंग सुविधा का विकल्प भी उपलब्ध कराया जाएगा।
रेलवे बोर्ड के सदस्य (ट्रैफिक) मोहम्मद जमशेद ने आज यहां बताया कि पैंट्री के साथ सभी ट्रेनों में कैटेरिंग सर्विस की जिम्मेदारी IRCTC को दिसंबर अंत तक दे दी जाएगी। अभी जोनल रेलवे कैटेरिंग पॉलिसी 2010 के तहत अधिकांश ट्रेनों में कैटेरिंग सर्विस संभाल रहे हैं। राजधानी, शताब्दी और दुरुंतो समेत यहां तकरीबन 350 ट्रेनें हैं, जिनमें पैंट्री कार की सुविधा है। रेल स्थल पर कैटेरिंग सर्विस में सुधार के लिए रेलवे पैंट्री कार, बेस किचन और फूड स्टॉल पर थर्ड पार्टी ऑडिट भी करवाएगा।
ऑडिट के लिए दो कंपनियों का हुआ चयन
जमशेद ने कहा कि हमनें फूड स्टॉल और पैंट्री कार का थर्ड पार्टी ऑडिट करने के लिए दो प्रतिष्ठित कंपनियों को नियुक्त किया है। इसके अलावा रेलवे बेस किचन में फूड क्वालिटी और साफ-सफाई की जांच के लिए तीन हफ्ते का एक विशेष अभियान भी चला रहा है। रेलवे ने 2005 में कैटेरिंग पॉलिसी बनाई थी और पॉलिसी के मुताबिक IRCTC को सभी ट्रेनों में कैटेरिंग की जिम्मेदारी दी गई थी। 2010 में तात्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने एक नई पॉलिसी की घोषणा की जिसमें कैटेरिंग की जिम्मेदारी IRCTC से छीनकर जोनल रेलवे को दे दी गई। हालांकि तभी से लगातार फूड क्वालिटी से जुड़ी शिकायतों में इजाफा हो रहा था। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेल स्थलों पर फूड सर्विस में सुधार के लिए नई कैटेरिंग पॉलिसी लाने का निर्णय लिया।
नई पॉलिसी है ज्यादा बेहतर
नई कैटेरिंग पॉलिसी को फरवरी में घोषित किया गया था, जिसके तहत IRCTC को सख्त दिशा-निर्देशों के साथ कैटेरिंग जिम्मेदारी सौंपी गई है। नई पॉलिसी के तहत कुकिंग और डिस्ट्रीब्यूशन को अलग-अलग किया गया है। यात्रियों को कुछ शताब्दी, राजधानी और दुरंतो ट्रेनों में टिकट बुकिंग के समय ही कैटेरिंग सर्विस को चुनने का विकल्प दिया जा रहा है।