नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने आज कहा कि उसने अपने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले (MSME) ग्राहकों को अल्पकालिक कार्यशील पूंजी मांग कर्ज प्रदान करने के लिए एक नया उत्पाद पेश किया है। नए उत्पाद को एसएमई असिस्ट नाम दिया गया है। इसके तहत एमएसएमई ग्राहकों को माल एवं सेवा कर के तहत फंसे इनपुट क्रेडिट दावों के आधार पर कर्ज दिया जाएगा। बैंक ने बयान में कहा कि ग्राहकों को कर्ज रियायती ब्याज दर पर मिलेगा।
बैंक में SME डिविजन के मुख्य महाप्रबंधक वी रामलिंग ने आज यहां अपने बयान में कहा, यह उत्पाद सूक्ष्म, लघु एवं मझाोले उद्योगों को इनपुट क्रेडिट प्राप्त होने तक उनकी कार्यशील पूंजी की आवश्यकता का प्रबंधन करने में मदद करेगा। इससे एसएमई उद्योगों को बिना किसी रुकावट के परिचालन करने में मदद मिलेगी।
SBI launches ‘SME Assist’ for existing MSME customers, to help companies manage working capital requirement. https://t.co/bYBfhZAITF pic.twitter.com/eTransUBqe
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) October 12, 2017
इस योजना के तहत कर्ज प्रसंस्करण शुल्क 2,000 रुपए होगा। कर्ज आवेदन के लिए कंपनियों को चार्टर्ड अकाउंटेंट से इनपुट क्रेडिट दावों की पुष्टि वाला प्रमाण पत्र देना होगा। बैंक ने कहा कि इस योजना के तहत एसएमई कर्ज लेने वालों को तीन महीने की अवधि की स्थगन अवधि दी जाएगी। स्थगन अवधि बीत जाने के बाद एसएमई ग्राहकों को एक साथ या अगले 6 महीनों में 6 किस्तों में पूरी राशि का भुगतान करना होगा। बैंक के एसएमई ग्राहक 31, मार्च 2018 तक कर्ज ले सकते हैं।