नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नेत्रहीन लोगों को नोटों की पहचान में मदद करने के लिए एक मोबाइल एप लाने का प्रस्ताव तैयार किया है। अभी देश में 10 रुपए, 20 रुपए, 50 रुपए, 100 रुपए, 200 रुपए, 500 रुपए और 2000 रुपए के नोट प्रचलन में हैं। इनके अलावा भारत सरकार एक रुपए के नोट भी जारी करती है।
नोटों की पहचान करने में नेत्रहीन लोगों की मदद के लिए इंटाग्लियो प्रिंटिंग यानी उभरे रूप से छपाई में 100 रुपए और इससे बड़ी राशि के नोट ही उपलब्ध हैं। रिजर्व बैंक ने मोबाइल एप बनाने के लिए तकनीकी कंपनियों से बोलियां मांगी हैं।
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि मोबाइल एप महात्मा गांधी श्रृंखला और महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला के वैध नोटों को मोबाइल कैमरा के सामने रखने या सामने से गुजारने पर पहचानने में सक्षम होना चाहिए।
इसके अलावा यह मोबाइल एप किसी भी एप स्टोर पर वॉयस के जरिये खोजे जाने लायक होना चाहिए।
रिजर्व बैंक ने कहा कि एप को दो सेकंड में नोट की पहचान करने में सक्षम होना चाहिए तथा यह बिना इंटरनेट के भी काम करने में सक्षम होना चाहिए। इसके अलावा एप बहुभाषी तथा आवाज के साथ नोटिफिकेशन देने योग्य होना चाहिए। कम से कम एप हिंदी और अंग्रेजी में होना ही चाहिए। देश में 80 लाख लोग हैं, जो या तो नेत्रहीन हैं या फिर उन्हें देखने में कठिनाई होती है। रिजर्व बैंक के इस कदम से इन लोगों को मदद मिलेगी।